गौतम गंभीर के लिए कानूनी चुनौतियाँ: एशिया कप से पहले हाईकोर्ट का फैसला

गौतम गंभीर की मुश्किलें बढ़ी
गौतम गंभीर मामला: एशिया कप 2025 नजदीक है, और इससे पहले भारतीय टीम के हेड कोच के लिए एक नई समस्या सामने आई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीर और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रोकने से साफ मना कर दिया है। इस कारण गंभीर एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से पहले कानूनी झंझट में फंस गए हैं।
गौतम गंभीर की कानूनी स्थिति
कोविड-19 के दौरान दवाओं के अवैध संग्रहण और वितरण से जुड़े मामले में गौतम गंभीर का नाम शामिल है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने उन्हें इस मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है। अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी, और यदि ऐसा नहीं हुआ, तो ट्रायल कोर्ट 8 सितंबर 2025 को कार्यवाही आगे बढ़ाएगा। कोर्ट में वकील ने गंभीर का नाम बार-बार लिया, जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि नाम लेने से निर्णय नहीं बदलेगा।
मामले का सारांश
दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग ने गंभीर, उनके परिवार और फाउंडेशन के खिलाफ कोविड-19 की दूसरी लहर में बिना लाइसेंस के दवाओं के संग्रहण और वितरण का मामला दर्ज किया था। इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है, और अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। यदि गंभीर दोषी पाए जाते हैं, तो उनके और उनके परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
एशिया कप में गंभीर की चुनौती
गौतम गंभीर का हेड कोच के रूप में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उनके नेतृत्व में टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम ने संघर्ष किया। हालांकि, टी20 अंतर्राष्ट्रीय में उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। एशिया कप इसी फॉर्मेट में होने वाला है, और वह टीम इंडिया को 9वीं बार चैंपियन बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।