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ग्रीस में चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी: राफेल जेट की जासूसी का मामला

ग्रीस के तनाग्रा में चार चीनी नागरिकों को रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन पर राफेल लड़ाकू विमानों और एयरोस्पेस इंडस्ट्री की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करने का आरोप है। स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। जांच में भारी मात्रा में फ़ोटोग्राफ़िक सामग्री मिली है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की संभावित योजनाओं के बारे में।
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ग्रीस में चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी: राफेल जेट की जासूसी का मामला

चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी

ग्रीस के तनाग्रा में चार चीनी नागरिकों को रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो पुरुष, एक महिला और एक युवक शामिल हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों और हेलेनिक एयरोस्पेस इंडस्ट्री (HAI) के प्रतिष्ठानों की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए, जिससे सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है।


राफेल जेट की तस्वीरें और वीडियो

स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने संदिग्ध गतिविधियों को देखा और तुरंत एरोनोमिया (वायु सेना पुलिस) को सूचित किया। संदिग्धों ने HAI परिसर और 114वीं कॉम्बैट विंग के फ्लाइट ऑपरेशंस, रनवे और विमानों की तस्वीरें लीं। पुलिस ने CCTV फुटेज और गवाहों के बयान दर्ज किए, जिसके बाद संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।


जासूसी या शौक?

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि संदिग्धों के पास बड़ी मात्रा में फ़ोटोग्राफ़िक सामग्री थी। यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक असामान्य घटना है या किसी सुनियोजित जासूसी योजना का हिस्सा। जांच अधिकारी राफेल जेट्स और अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर लगातार निगरानी रख रहे हैं।


संदिग्ध गतिविधियों का पुल

भारत और ग्रीस के बीच रक्षा और वायु अभ्यास जैसे 'तरंग शक्ति' और INIOCHOS-25 का सफल संचालन हुआ है। ऐसे में चीनी नागरिकों द्वारा राफेल की जानकारी इकट्ठा करने का आरोप संवेदनशील माना जा रहा है।


राफेल विमानों को निशाना बनाने का प्रयास

एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद वैश्विक स्तर पर राफेल विमानों की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया। इसमें सोशल मीडिया और दुष्प्रचार का सहारा लिया गया, जिसमें फेक वीडियो और AI सामग्री का उपयोग किया गया।


रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर सवाल

ग्रीक-फ्रांसीसी गठबंधन ने इसे 'ग्लोबल मिसइन्फ़ॉर्मेशन अभियान' बताया है। फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राफेल विमानों पर हमला केवल एक विमान को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय रणनीति और औद्योगिक विश्वसनीयता को भी प्रभावित करता है।


चीन का खंडन

चीनी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को 'विवेकहीन अफ़वाह और बदनामी' करार दिया है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन ने अपनी रक्षा नीति को शांतिपूर्ण और जिम्मेदार बताया और राफेल विमानों के खिलाफ किसी भी दुष्प्रचार अभियान से इनकार किया।