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ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामले में नया मोड़: निक्की की भाभी ने लगाए गंभीर आरोप

ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या के मामले में निक्की भाटी की भाभी ने चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं, जिससे पूरे केस की दिशा बदल गई है। उसने कहा कि निक्की के पति और उनके परिवार का इसमें कोई हाथ नहीं है, बल्कि निक्की के अपने परिवार वाले दहेज के लालची हैं। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जानें इस जटिल मामले के सभी पहलुओं के बारे में।
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ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामले में नया मोड़: निक्की की भाभी ने लगाए गंभीर आरोप

दहेज हत्या मामले में नया खुलासा

ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामला: 'मुझे नहीं लगता कि निक्की भाटी के पति विपिन भाटी और उनके परिवार वाले उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। निक्की के परिवार वाले ही दहेज के लालची हैं। मुझसे भी मारपीट की जाती थी।' यह चौंकाने वाला बयान निक्की के भाई रोहित की पत्नी ने मीडिया के सामने दिया, जिससे पूरे मामले की दिशा बदल गई। वहीं, निक्की के पिता भिखारी सिंह ने रोहित की पत्नी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रोहित ने कभी अपनी पत्नी पर हाथ नहीं उठाया।


निक्की के परिवार पर आरोप

रोहित की पत्नी ने कहा कि वह घर से भागने के लिए भी तैयार थी और उसे कभी मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं मिली। उसका पति रोहित अक्सर घर से बाहर रहता था। उसने बताया कि उसने निक्की के परिवार में 9 साल बिताए हैं और पिछले 14 महीने से अपने मायके में रह रही है। गांव की पंचायत में निक्की के परिवार ने 35 लाख रुपये दहेज की मांग की थी, जिसे उसके परिवार ने नहीं दिया।


रोहित की पत्नी के आरोपों का खंडन

रोहित की पत्नी द्वारा निक्की के परिवार पर लगाए गए दहेज के आरोपों को निक्की के पति और उसके पिता भिखारी सिंह ने पूरी तरह से नकार दिया। भिखारी सिंह ने कहा कि उनका बेटा रोहित कभी अपनी पत्नी पर हाथ नहीं उठा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बहू का परिवार उन्हें घर ले जाने के लिए आया था और उन्होंने उन पर हमला किया।


निक्की मर्डर केस का विवरण

ग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी मर्डर केस में लगातार नए अपडेट सामने आ रहे हैं। 21 अगस्त को निक्की की मौत हुई थी और 22 अगस्त को उसके अंतिम संस्कार का वीडियो सामने आया, जिससे उसकी बहन कंचन के आरोपों पर सवाल उठने लगे। कंचन ने आरोप लगाया था कि विपिन भाटी, रोहित और सास-ससुर ने निक्की को जिंदा जलाया। पुलिस ने केस दर्ज कर चारों को गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।