ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का निर्माण जल्द शुरू होगा

ग्रेटर नोएडा में हॉकी स्टेडियम की डीपीआर
ग्रेटर नोएडा समाचार: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-37 में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तीन महीने में तैयार हो जाएगी। इस कार्य के लिए चयनित सलाहकार एजेंसी, सीपी एंड डीएस एसोसिएट्स, को तीन महीने के भीतर डीपीआर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सौंपनी है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
स्टेडियम का आकार और लागत
स्टेडियम का आकार: यह हॉकी स्टेडियम लगभग सवा एकड़ भूमि पर बनेगा, जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ रुपये है। प्राधिकरण का उद्देश्य इस परियोजना को अगले 18 महीनों में पूरा करना है। डीपीआर के आधार पर विकासकर्ता एजेंसी का चयन किया जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य आरंभ होगा।
स्टेडियम की सुविधाएं
सुविधाओं की जानकारी: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक बिजेंद्र कुशवाहा ने बताया कि स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसमें खिलाड़ियों के लिए आधुनिक चेंजिंग रूम, दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था और प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह स्टेडियम भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेज़बानी करने में सक्षम होगा।
खेलो इंडिया योजना का प्रभाव
खेलो इंडिया योजना: केंद्र सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत सेक्टर-37 में हॉकी स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में हॉकी के लिए कोई समर्पित मैदान नहीं है, इसलिए यह स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं का विकास
ग्रामीण खेल सुविधाएं: प्राधिकरण ने शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल सुविधाओं को बढ़ाने की योजना बनाई है। गांवों में खेल मैदानों के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है, और भविष्य में प्रत्येक गांव में कम से कम एक खेल मैदान विकसित करने की योजना है।
प्राधिकरण की एसीईओ का बयान
एसीईओ का बयान: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि हॉकी स्टेडियम के लिए चयनित सलाहकार एजेंसी ने डीपीआर तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों से मिले सुझावों के आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। हमारा लक्ष्य इस परियोजना को समय पर पूरा करना है, ताकि खेल प्रतिभाओं को बेहतर मंच और सुविधाएं मिल सकें।