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ग्रेटर नोएडा में निक्की की दर्दनाक मौत: दहेज प्रथा पर उठी आवाज

ग्रेटर नोएडा की निक्की ने अपनी अंतिम सांस तक मां होने का धर्म निभाया, लेकिन दहेज प्रथा के चलते उसकी जान चली गई। उसकी मौत ने समाज में दहेज के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता को उजागर किया है। समाजसेवी हरेंद्र भाटी ने बेटियों से अपील की है कि वे अपने जीवन की सुरक्षा के लिए ससुराल में अत्याचार सहने के बजाय अपने घर लौटें। निक्की के मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, जिससे जल्द ही न्याय की उम्मीद है।
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ग्रेटर नोएडा में निक्की की दर्दनाक मौत: दहेज प्रथा पर उठी आवाज

निक्की की अंतिम सांस तक मां का धर्म

ग्रेटर नोएडा समाचार: ग्रेटर नोएडा की निवासी निक्की ने अपनी अंतिम सांस तक मां होने की जिम्मेदारी निभाई। उसने अपनी मौत से कुछ मिनट पहले अपने बेटे को होमवर्क कराया और परिजनों के लिए नींबू पानी बनाया। इसके बाद वह पहली मंजिल पर प्रेस लेने गई, लेकिन जब वह वापस लौटी, तो उसके शरीर पर आग लग गई थी। आग लगने के कारण वह गंभीर रूप से जल गई और उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना में उसके पति विपिन पर आग लगाने का आरोप है।


ससुराल में अत्याचार का सामना

काश वह घर लौट आती: जांच में यह सामने आया है कि निक्की की मृत्यु 21 अगस्त को हुई, जबकि 20 अगस्त को उसे ससुराल वालों द्वारा पीटा गया था। उस दिन उसकी बहन कंचन को भी पीटा गया। यदि दोनों बहनें 20 अगस्त को अपने मायके लौट आतीं, तो शायद निक्की की जान बच जाती।


समाजसेवी की अपील

जान की कीमत: समाजसेवी हरेंद्र भाटी ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं दिल को झकझोर देती हैं। निक्की की मौत के बाद से यह मांग उठ रही है कि दहेज के लिए बहुओं को प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बेटियों से अपील की कि जान जाने से बेहतर है कि वे समाज के डर से बचें। यदि ससुराल में उन्हें प्रताड़ित किया जाए, तो उन्हें अपने घर लौट आना चाहिए। इससे कम से कम उनकी जान तो सुरक्षित रहेगी।


फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई

जल्द सुनवाई: निक्की हत्या मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। अभियोजन पक्ष इस मामले में पैरवी करेगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होने से जल्द ही इस मामले में निर्णय आ सकेगा। गवाहों की गवाही और साक्ष्य इस मामले में आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण होंगे।