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ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट बंद होने से निवासियों को हुई कठिनाई

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की विक्ट्री वन सेंट्रल सोसायटी में लिफ्ट के रखरखाव के कारण निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह और दोपहर के समय लिफ्ट बंद रहने से दफ्तर जाने वाले और स्कूली बच्चे सीढ़ियों से चढ़ने को मजबूर हुए। निवासियों ने प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जानें इस घटना के बारे में अधिक जानकारी।
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ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट बंद होने से निवासियों को हुई कठिनाई

लिफ्ट मेंटेनेंस से परेशान हुए निवासी

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित विक्ट्री वन सेंट्रल सोसायटी में सोमवार को लिफ्ट के रखरखाव के कारण दो टावरों के निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। खासकर स्कूल से लौटने के समय लिफ्ट बंद होने के कारण उन्हें कई मंजिलों तक सीढ़ियों से चढ़ना पड़ा। सुबह और दोपहर के दौरान लिफ्ट दो से तीन घंटे तक बंद रही, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई।


सुबह की शुरुआत में ही समस्या

सोसायटी की वेलफेयर बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि बिल्डर प्रबंधन ने पहले से ही मेंटेनेंस का शेड्यूल जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सोमवार सुबह 10:30 से 12:30 बजे तक लिफ्ट बंद रहेगी। लेकिन टावरों में केवल एक ही लिफ्ट चालू होने के कारण यह समस्या और बढ़ गई।


दफ्तर जाने वाले हुए प्रभावित

सुबह के समय दफ्तर जाने वाले निवासियों को ऊपरी मंजिलों से सीढ़ियों के माध्यम से नीचे उतरना पड़ा। कई वरिष्ठ नागरिकों और बीमार लोगों को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है; इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।


स्कूली बच्चों को भी हुई दिक्कत

टावर ए में दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक लिफ्ट बंद रही, जो स्कूल से लौटने का समय था। इस दौरान स्कूली बच्चों को अपने बैग और सामान के साथ सीढ़ियों से चढ़कर अपने घरों तक पहुंचना पड़ा। कई अभिभावकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि प्रबंधन ने स्कूल के समय में मेंटेनेंस क्यों निर्धारित किया।


वैकल्पिक व्यवस्था की कमी

निवासियों का कहना है कि टावरों में केवल एक ही लिफ्ट है और वैकल्पिक लिफ्ट की व्यवस्था न होना सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में किसी भी प्रकार के रखरखाव या तकनीकी खराबी की स्थिति में पूरा टावर प्रभावित हो जाता है। प्रशांत ने बताया कि लिफ्ट की समस्या पिछले कई दिनों से बनी हुई है, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।