ग्रेटर नोएडा में वरिष्ठ नागरिक से 40 लाख रुपये की साइबर ठगी

साइबर ठगों का नया तरीका
ग्रेटर नोएडा समाचार: साइबर अपराधियों ने एक बार फिर से डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया है। ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र की एक वरिष्ठ महिला, ए लक्ष्मी, को ठगों ने फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देकर तीन दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और उनसे 40 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
धोखाधड़ी की शुरुआत
दूरसंचार अधिकारी बनकर ठगी की गई: पीड़िता ने बताया कि 16 अगस्त को उन्हें एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को दूरसंचार विभाग का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनकी आईडी पर जारी सिम कार्ड से अश्लील कॉल्स की जा रही हैं। कॉल करने वाले ने बताया कि इस संबंध में मुंबई थाने में 15 जुलाई को एफआईआर दर्ज की गई है।
फर्जी पुलिसकर्मियों का खेल
क्राइम ब्रांच से जोड़ा गया मामला: इसके बाद कॉल को कथित तौर पर 'मुंबई क्राइम ब्रांच' से जोड़ा गया। चार फर्जी पुलिसकर्मियों ने वीडियो कॉल के माध्यम से घंटों तक पूछताछ की और महिला को बताया कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल है। उन्हें बताया गया कि उनके नाम से केनरा बैंक में फर्जी खाता खोला गया है और दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
भय और भ्रम में फंसी महिला
किसी को न बताने की सलाह: जब महिला ने खुद को निर्दोष बताया, तो ठगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि यदि वे सहयोग करेंगी और किसी को कुछ नहीं बताएंगी, तो उन्हें जल्द ही इस मामले से राहत मिल जाएगी। डर और भ्रम की स्थिति में पीड़िता ने किसी से संपर्क नहीं किया और 12 से 14 अगस्त तक लगातार इन साइबर ठगों से संपर्क में रहीं।
धोखाधड़ी का अंत
40 लाख रुपये का ट्रांसफर: ठगों ने जांच के नाम पर महिला से उनकी सभी फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाकर रकम को सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करवाया। इसके बाद 14 अगस्त को 40 लाख रुपये मुंबई स्थित एक खाते में भेजने के लिए कहा गया। महिला को आश्वस्त किया गया कि तीन दिन के भीतर रकम वापस कर दी जाएगी, लेकिन उसके बाद ठगों ने संपर्क तोड़ लिया।