ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्लास्टर गिरने की घटनाएं बढ़ी, सुरक्षा पर सवाल

प्लास्टर गिरने की घटनाओं में वृद्धि
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऊंची इमारतों में प्लास्टर गिरने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। लाखों रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूलने के बावजूद, बिल्डर और मेंटेनेंस कंपनियां इमारतों की सुरक्षा और मरम्मत के प्रति लापरवाह हैं। हाल ही में, अजनारा होम्स सोसायटी में जी टावर के पास बारिश के बाद प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। इसी दिन ओ टावर की लॉबी में भी फॉल्स सीलिंग का एक हिस्सा टूटकर गिरा, लेकिन सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ।
प्लास्टर गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं
प्लास्टर गिरने की घटनाएं हुई आम
निवासियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में यह पांचवीं बार है जब किसी टावर से प्लास्टर या अन्य निर्माण सामग्री गिर रही है। इससे पहले बी टावर में गिरा प्लास्टर एक स्कूटी को नुकसान पहुंचा चुका है और एक बुजुर्ग बाल-बाल बचे थे।
वसूली और सुरक्षा में कमी
वसूली पूरी, सुविधा जीरो
निवासी दिनकर पांडेय ने बताया कि प्रबंधन केवल पैसे वसूलने में लगा है, जबकि हजारों परिवारों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। ओ टावर की लॉबी में अचानक फॉल्स सीलिंग का बड़ा हिस्सा गिर गया। इसी दिन जी टावर के पास से भी प्लास्टर का भारी टुकड़ा ओपन एरिया में खड़ी गाड़ियों के पास गिरा। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि यह टुकड़ा किसी निवासी पर गिरता तो कौन जिम्मेदार होता।
महिला को लगी चोट
महिला को लगी चोट
रक्षा अडेला सोसायटी में एक महिला सुबह टहल रही थी, तभी टावर के ऊपरी हिस्से से प्लास्टर का टुकड़ा गिरा और उनके पैर पर लगा। सौभाग्य से, चोट हल्की थी और जान का नुकसान नहीं हुआ।
प्राधिकरण के आदेश का पालन नहीं
प्राधिकरण के आदेश हवाहवाई
निवासी चंदन सिन्हा ने बताया कि 20 मार्च को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर को तीन महीने में स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश दिया था। पांच महीने बीत जाने के बावजूद, ऑडिट नहीं कराया गया है। इससे स्पष्ट है कि बिल्डर और प्रबंधन के लिए लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है।