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ग्वालियर में बौद्ध सम्मेलन के दौरान धर्म परिवर्तन का विवाद

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बौद्ध सम्मेलन के दौरान धर्म परिवर्तन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। सम्मेलन में भाग लेने वाले लोगों को हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ दिलाई जा रही थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आयोजकों ने इस घटना को धर्म परिवर्तन से जोड़ने से इनकार किया है, जबकि बौद्ध आचार्य ने उपस्थित लोगों से विभिन्न देवी-देवताओं को न मानने की अपील की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और लोगों की प्रतिक्रियाएँ।
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ग्वालियर में बौद्ध सम्मेलन के दौरान धर्म परिवर्तन का विवाद

वीडियो में दिखी हैरान कर देने वाली घटना

MP Viral Video: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में तीन दिवसीय बौद्ध धम्म सम्मेलन में भाग ले रहे व्यक्तियों को हिंदू धर्म छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस दौरान, लोगों को देवी-देवताओं की पूजा न करने और उन पर विश्वास न करने की शपथ दिलाई जा रही है। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है, जिससे लोग विभिन्न प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।


घटना का संक्षिप्त विवरण

यह मामला ग्वालियर के भितरवार के धाकड़ खिरिया का है, जहाँ 6-8 जून तक बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस सम्मेलन में कई लोग शामिल हुए थे। आयोजकों का कहना है कि वायरल वीडियो को धर्म परिवर्तन से जोड़ना गलत है। उनका उद्देश्य समाज में बुराइयों को समाप्त करना था, न कि किसी को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करना।


धर्म परिवर्तन की शपथ का विवाद

भगवानों की पूजा न करने की अपील

सम्मेलन में बौद्ध आचार्य सूरज राही ने उपस्थित लोगों से ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, गौरी, गणपति और कृष्ण को भगवान न मानने की अपील की। उन्होंने भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार बताया और कहा कि इस तरह का प्रचार पागलपन है। उन्होंने लोगों को श्राद्ध और पिंडदान न करने की शपथ भी दिलाई।