ग्वालियर में बौद्ध सम्मेलन में विवाद: हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ पर उठे सवाल

ग्वालियर में बौद्ध धर्म सम्मेलन का विवाद
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित एक बौद्ध धर्म सम्मेलन ने विवाद को जन्म दिया है। इस सम्मेलन में प्रतिभागियों को हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई। शपथ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण और अन्य हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर न मानने की बात कही गई। यह कार्यक्रम भितरवार के धाखड़ खिरिया में हुआ था, जिसे 96 गांव जाटव समाज सुधार समिति ने 6 से 8 जून तक आयोजित किया था। इस घटना के बाद से विवाद बढ़ गया है और कई लोगों का कहना है कि इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
शपथ में क्या कहा गया?
इस शपथ में प्रतिभागियों से कहा गया कि वे हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करेंगे और उन्हें ईश्वर नहीं मानेंगे। इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश को कभी भी ईश्वर मानने की बात से भी इनकार किया गया।
आयोजन का उद्देश्य
सम्मेलन के आयोजकों का कहना है कि उनका उद्देश्य किसी भी धर्म का अपमान करना नहीं था। 96 गांव जाटव सुधार समिति के अध्यक्ष रूपेंद्र वर्मा ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन का मुख्य मकसद समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करना था।
पुलिस की प्रतिक्रिया
एसडीओपी जितेंद्र नगाइच ने मीडिया को बताया कि उन्हें अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई शिकायत आती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। इस बौद्ध धम्म महासम्मेलन में सैकड़ों लोगों ने शपथ ली, और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसके बाद कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई।