चंडीगढ़ के जीएमएसएच अस्पताल में एक्स-रे मशीनों की खराबी से मरीजों को हो रही परेशानी

जीएमएसएच अस्पताल में एक्स-रे मशीनों की समस्या
जीएमएसएच अस्पताल में एक्स-रे मशीनों की खराबी: चंडीगढ़ के सेक्टर-16 में स्थित गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (जीएमएसएच) में एक्स-रे मशीनों के खराब होने से मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेडियोलॉजी विभाग में एक मशीन मई से खराब है, और अब इमरजेंसी वार्ड की दूसरी मशीन भी पिछले दो दिनों से कार्य नहीं कर रही है। अस्पताल में केवल एक पोर्टेबल मशीन का उपयोग किया जा रहा है, जो हाथ, पैर और लंबर स्पाइन के एक्स-रे करने में असमर्थ है। इस स्थिति में मरीजों को मजबूरन बाहर के प्राइवेट सेंटरों में महंगे दामों पर टेस्ट करवाने के लिए जाना पड़ रहा है।
चंडीगढ़ जीएमएसएच में एक्स-रे की कमी
जीएमएसएच में प्रतिदिन 400 से 450 एक्स-रे होते थे, लेकिन मशीनों की खराबी के कारण अब केवल 200-250 एक्स-रे ही हो पा रहे हैं। विशेष रूप से हाथ, पैर और लंबर स्पाइन के महंगे एक्स-रे मरीजों को बाहर से करवाने पड़ रहे हैं। अस्पताल में ये टेस्ट मुफ्त होते हैं, लेकिन प्राइवेट लैब में हाथ-पैर के एक्स-रे के लिए 500 से 800 रुपये और लंबर स्पाइन के लिए 1000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। इससे गरीब मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
पुरानी मशीनों की स्थिति
जीएमएसएच में दो पूरी डिजिटल एक्स-रे मशीनें हैं, जो जापान से खरीदी गई थीं। हालांकि, ये मशीनें अब 10 साल पुरानी हो चुकी हैं। इनकी वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) और समग्र रखरखाव अनुबंध (सीएमसी) समाप्त हो चुके हैं, जिसके कारण इनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। ढाई साल पहले जेम पोर्टल से लगभग 10 लाख रुपये की एक नई मशीन खरीदी गई थी, लेकिन वह भी खराब निकली और उसे वापस करना पड़ा।
मशीनों की मरम्मत का आश्वासन
जीएमएसएच-16 की डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज, डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि मशीनों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। वर्तमान में उपलब्ध मशीनों से आवश्यक मरीजों के एक्स-रे किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही मशीनें ठीक हो जाएंगी और मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मशीनों की आवश्यकता
रेडियोलॉजी विभाग के अनुसार, जीएमएसएच में विभिन्न प्रकार के मरीज आते हैं, विशेषकर एक्सीडेंट केस। ओपीडी में चेस्ट, हड्डियों और फ्रैक्चर के एक्स-रे की आवश्यकता होती है। लेकिन मशीनों की कमी के कारण मरीजों को प्राइवेट लैब में जाना पड़ रहा है। विभाग का कहना है कि अस्पताल को कम से कम चार एक्स-रे मशीनों की आवश्यकता है, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।