चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर चुनाव में नया बदलाव: हाथ उठाकर मतदान की प्रक्रिया

चंडीगढ़ नगर निगम में मतदान प्रक्रिया में बदलाव
चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब 'गुप्त मतदान' के बजाय 'हाथ उठाकर मतदान' के माध्यम से होंगे। इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने औपचारिक मंजूरी दी है।
प्रशासक ने चंडीगढ़ नगर निगम (कार्य-प्रक्रिया और संचालन) विनियम, 1996 के नियम 6 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इस संशोधन का उद्देश्य निगम की चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाना और चुने गए प्रतिनिधियों की भूमिका को और अधिक उत्तरदायी बनाना है।
गुलाब चंद कटारिया ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि हाथ उठाकर मतदान की प्रक्रिया से चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर जनता का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बदलाव नगर निगम के कामकाज और शासन को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
यह प्रस्ताव पहले नगर निगम, चंडीगढ़ की सदन बैठक में पारित किया गया था। इसे पंजाब नगर निगम अधिनियम 1976 की धारा 398(2) के अंतर्गत विधिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए लाया गया, जिसे चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम 1994 के तहत लागू किया गया है। सदन से पारित होने के बाद यह संशोधन अनुमोदन हेतु प्रशासक के पास भेजा गया था, जिसे अब औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है।
यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर चुनाव को लेकर कई विवाद उठ चुके हैं। गुप्त मतदान की प्रक्रिया पर प्रश्न उठते रहे हैं। अब हाथ उठाकर मतदान से न केवल मत स्पष्ट होंगे, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही भी सीधे जनता के सामने होगी। यह लोकतंत्र की दिशा में एक सकारात्मक कदम है और आने वाले समय में अन्य नगर निगमों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।