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चंडीगढ़ में अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ में एक अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश के बड़े लाभ का झांसा देकर ठगता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वरुण कुमार और साहिल सेठी के रूप में हुई है, जो विभिन्न राज्यों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ जांच जारी है और कई अन्य मामलों का खुलासा होने की संभावना है।
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चंडीगढ़ में अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़


गिरोह पर 14 राज्यों में लगभग 34 साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज


चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए पंचकूला और अबोहर से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों एक अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का हिस्सा थे, जो निवेश धोखाधड़ी में संलिप्त थे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने बताया कि यह गिरोह टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से स्टॉक मार्केट में बड़े लाभ का लालच देकर लोगों को ठगता था।


गिरोह के सदस्य पीड़ितों को विश्वास में लेकर उनके मोबाइल में एक फर्जी एपीके ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करवाते थे, जिसमें निवेश पर भारी लाभ का वादा किया जाता था। इस लालच में फंसे लोग आसानी से धोखेबाजों के निर्देशों के अनुसार विभिन्न बैंक खातों में पैसे निवेश कर देते थे।


आरोपियों की पहचान और उनके कार्य

कमीशन का लालच देकर बैंक खातों का प्रयोग करता था आरोपी


गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान वरुण कुमार और साहिल सेठी के रूप में हुई है। जांच में यह सामने आया कि वरुण ने अपना बैंक खाता साहिल को कमीशन के आधार पर किराए पर दिया था। साहिल ऐसे बैंक खातों को खरीदता था और अपने सरगना के निर्देशानुसार, जो उससे वर्चुअल मोबाइल नंबरों के जरिए संपर्क में था, उन्हें नई दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के लिए आगे बेच देता था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि सरगना इन फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए धोखाधड़ी से प्राप्त धन के आधार पर गिरफ्तार आरोपियों को कमीशन देता था.


अन्य मामलों का खुलासा

कई मामलों का खुलासा होने की संभावना


डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी 14 राज्यों में लगभग 34 अन्य इसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों में भी शामिल हैं, जिनमें कुल ठगी की राशि 8 करोड़ रुपए से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्चुअल मोबाइल नंबरों और इस धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार व्यापक नेटवर्क का खुलासा करने के लिए आगे जांच जारी है.