चंडीगढ़ में झूठे विवाह के वादे पर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को मिली अंतरिम जमानत

चंडीगढ़ में झूठे वादों के चलते शारीरिक संबंध का मामला
चंडीगढ़ में झूठे वादे पर शारीरिक संबंध बनाने का मामला: आरोपी को मिली अंतरिम जमानत: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक आरोपी को अंतरिम जमानत दी है, जिस पर झूठे विवाह के वादे के तहत शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है।
यह जमानत आरोपी को पीड़िता से विवाह करने की शर्त पर दी गई है। आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो हाल ही में लागू नए आपराधिक कानून के अंतर्गत आता है। अदालत में कहा गया कि आरोपी और पीड़िता सहमति से विवाह करने के इच्छुक हैं।
चंडीगढ़ में मिली राहत के आधार पर जमानत
इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आरोपी को अस्थायी राहत प्रदान की जानी चाहिए। विवाह की तारीख 15 जून तय की गई है। न्यायाधीश एचएस ग्रेवाल ने कहा कि आरोपी का विवाह शिकायतकर्ता के साथ 15 जून को होगा। शिकायतकर्ता छह महीने की गर्भवती हैं और स्वेच्छा से आरोपी से विवाह करना चाहती हैं। आरोपी को 12 जून से 3 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी गई है।
आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि शिकायतकर्ता और वह आपसी संबंध में थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव के सम्मानित व्यक्तियों के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया है। शिकायतकर्ता ने स्वेच्छा से आरोपी से विवाह करने का निर्णय लिया है।
पीड़िता ने भी अपने वकीलों के साथ अदालत में उपस्थित होकर कहा कि आरोपी को अंतरिम जमानत देने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। मोहाली पुलिस ने 28 अप्रैल को पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी। पीड़िता ने अदालत में स्पष्ट किया कि वह बालिग हैं और स्वेच्छा से आरोपी से विवाह करना चाहती हैं।
समझौते के आधार पर एफआईआर खारिज करने के लिए याचिका दायर की जाएगी। इसके बाद अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी।
कानूनी प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 69 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी महिला से धोखाधड़ी से या विवाह का वादा करके, जिसे पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं होता, उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो ऐसे यौन संबंध दुष्कर्म नहीं माने जाएंगे। हालांकि, ऐसे मामलों में आरोपी को दस साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।