चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण से उत्पन्न समस्याएं

चंडीगढ़ में बिजली संकट
चंडीगढ़ समाचार: चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण ने अपनी असली समस्याओं को उजागर किया है। गांव बुटेरला में पिछले रात कई घंटों तक बिजली की आपूर्ति ठप रही, जिससे स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बच्चे और बुजुर्ग रात भर परेशान रहे।
यह जानकारी वार्ड नंबर 30 के निगम पार्षद हरदीप सिंह बुटेला ने मीडिया से साझा की। उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को इस समस्या के बारे में एक पत्र भी लिखा है।
पार्षद बुटेला ने बताया कि भीषण गर्मी के दौरान 11 और 12 जून की रात अचानक बिजली कटने के बाद उन्होंने संबंधित जूनियर इंजीनियर और एसडीओ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उपलब्ध नहीं था। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण के बाद यह समस्या उत्पन्न हुई है, क्योंकि निजी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी स्थानीय समस्याओं से बेखबर हैं। पहले सरकारी कर्मचारी स्थायी रूप से तैनात रहते थे और लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे।
बुटेला ने कहा कि चंडीगढ़ बिजली विभाग पहले लोगों की संतुष्टि के लिए काम करता था और अच्छा मुनाफा कमाता था। अब निजी कंपनी ने गर्मी के मौसम में अपनी असली स्थिति दिखा दी है। यह पहली बार है कि बिजली विभाग के किसी सदस्य ने बुटेरला गांव में बिजली कटने के बावजूद लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
पार्षद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने चंडीगढ़ के लोगों के साथ विश्वासघात किया है, जबकि अपने चहेतों को खुश किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी जनविरोधी नीतियों के कारण चंडीगढ़ की जनता आगामी चुनावों में भाजपा को सबक सिखाएगी।