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चंडीगढ़ में मुफ्त न्यूरोथेरेपी कैंप का आयोजन, 104 लोगों ने लिया लाभ

चंडीगढ़ में एक नि:शुल्क न्यूरोथेरेपी कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 104 लोगों ने लाभ उठाया। मीना कुमारी बांगड़ ने इस कैंप में प्राकृतिक उपचार विधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह उपचार बिना दवा और ऑपरेशन के किया जाता है, जिससे रोगियों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार मिलता है। जानें इस कैंप के बारे में और कैसे यह उपचार प्रणाली कार्य करती है।
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चंडीगढ़ में मुफ्त न्यूरोथेरेपी कैंप का आयोजन, 104 लोगों ने लिया लाभ

चंडीगढ़ में न्यूरोथेरेपी कैंप


चंडीगढ़ समाचार: चंडीगढ़ प्रेस क्लब के सहयोग से दुःख भंजन वेलफेयर एंड एजुकेशन ट्रस्ट ने पुनर्जीवन न्यूरोथेरेपी एवं वेलनेस सेंटर, रोहतक के साथ मिलकर एक नि:शुल्क न्यूरोथेरेपी कैंप का आयोजन किया। इस कैंप में न्यूरो थेरेपिस्ट और योग विशेषज्ञ मीना कुमारी बांगड़ ने 104 व्यक्तियों का उपचार किया और उन्हें परामर्श प्रदान किया।


मीना कुमारी बांगड़ ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि यह तकनीक उन्हें उनके गुरु लाजपतराय मेहरा ने सिखाई थी। इस विधि के माध्यम से बिना दवा, ऑपरेशन और साइड इफेक्ट के शरीर की ऊर्जा को संतुलित कर विभिन्न रोगों का प्राकृतिक उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में शरीर की अंतःस्रावी ग्रंथियों को सक्रिय करके मरीज के शरीर में औषधि का निर्माण कराया जाता है।


उनका कहना है कि जब हम केवल लक्षणों को दबाने के बजाय बीमारी की जड़ को समझते हैं, तभी सच्चा उपचार संभव होता है। न्यूरोथेरेपी के माध्यम से शरीर के विशिष्ट बिंदुओं को सक्रिय किया जाता है, जिससे आंतरिक अंगों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है और शरीर स्वयं को ठीक करने लगता है।


मीना कुमारी बांगड़ ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 वर्ष पहले पुनर्जीवन न्यूरोथेरेपी एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना की थी। इस पारदर्शी और सस्ती उपचार प्रणाली के माध्यम से हजारों रोगियों को लाभ मिला है। रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब इस सेंटर का विस्तार किया जा रहा है, और इसकी पहली शाखा चंडीगढ़ में खोली जाएगी, जिसका नाम न्यूरो थेरेपी के जनक लाजपतराय मेहरा के नाम पर रखा जाएगा।


उन्होंने बताया कि वे सामान्य से लेकर गंभीर और न्यूरोलॉजिकल रोगों का सफलतापूर्वक उपचार करती हैं, जिनमें लकवा, सेरेब्रल पाल्सी, माइग्रेन, साइटिका, सर्वाइकल और कमर दर्द, डायबिटीज, थायरॉयड, उच्च रक्तचाप, गैस, कब्ज, एसिडिटी, जोड़ दर्द, हार्मोन असंतुलन, थकान, और अन्य जटिल न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शामिल हैं।


इलाज की अवधि के बारे में पूछे जाने पर मीना कुमारी बांगड़ ने कहा कि हर रोगी के लिए उपचार की अवधि अलग होती है, लेकिन अधिकांश मामलों में 7 से 15 दिनों के भीतर सुधार दिखाई देने लगता है।


न्यूरोथेरेपी के प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के बारे में उन्होंने बताया कि वे नए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए नि:शुल्क इंटर्नशिप प्रोग्राम भी चलाती हैं। इस कार्यक्रम में उन्हें अनुभवी टीम के मार्गदर्शन में वास्तविक केसों पर कार्य करने का अनुभव मिलता है। इसके बाद इन प्रशिक्षुओं को सेंटर द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें सेवा और करियर निर्माण के अवसर मिलते हैं। उनका लक्ष्य प्राकृतिक उपचार को जन-जन तक पहुंचाना है।


उन्होंने यह भी बताया कि वे देश-विदेश के रोगियों को ऑनलाइन परामर्श देती हैं। इसके अलावा पुनर्जीवन न्यूरोथेरेपी एवं वेलनेस सेंटर यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी उपलब्ध है।