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चंडीगढ़ में रिटायर पुलिस कर्मियों के लिए कैशलेस मेडिकल क्लेम में बदलाव

चंडीगढ़ में रिटायर पुलिस कर्मियों के लिए कैशलेस मेडिकल क्लेम में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब उन्हें निजी अस्पतालों में इलाज के लिए सीधे भुगतान नहीं करना पड़ेगा, बल्कि केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत कैशलेस कार्ड का उपयोग करना होगा। हालांकि, सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए 54 हजार रुपये जमा करने होंगे। जानें इस नए नियम के तहत इलाज कैसे होगा और क्या हैं इसके फायदे।
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चंडीगढ़ में रिटायर पुलिस कर्मियों के लिए कैशलेस मेडिकल क्लेम में बदलाव

चंडीगढ़ में रिटायर पुलिस कर्मियों के लिए नया कैशलेस मेडिकल क्लेम नियम

चंडीगढ़ में रिटायर पुलिस कर्मियों के लिए कैशलेस मेडिकल क्लेम में नया नियम लागू हुआ है: यूटी पुलिस के रिटायर जवानों को अब मेडिकल क्लेम सीधे उनके खातों में नहीं मिलेगा। गृह विभाग ने निजी अस्पतालों में इलाज के बाद क्लेम के खातों में क्रेडिट होने पर रोक लगा दी है।


गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार, अब रिटायर जवानों को केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत कैशलेस कार्ड के माध्यम से निजी अस्पतालों में इलाज मिलेगा। इससे उन्हें इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे, लेकिन सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए 54 हजार रुपये सरकारी खाते में जमा करने होंगे।


कैशलेस मेडिकल क्लेम में बदलाव


वर्तमान में, यूटी पुलिस के रिटायर जवान अपने और अपने परिवार के इलाज के लिए महंगे निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं, जहां बिल अक्सर लाखों में पहुंच जाते हैं। शुरुआत में उन्हें यह राशि अपनी जेब से चुकानी पड़ती है, जिसके बाद वे बिल को पुलिस हेडक्वार्टर के मेडिकल विंग में जमा करते हैं।


बिल क्लीयर होने के बाद, जवानों को इलाज में खर्च की गई राशि उनके खातों में वापस मिल जाती है। हालांकि, वर्ष 2023 के बाद से कई रिटायर जवानों के मेडिकल क्लेम के बिल हेडक्वार्टर में लंबित पड़े हैं।


कई रिटायर जवान लंबे समय से अपने बिलों को क्लीयर करवाने के लिए हेडक्वार्टर के चक्कर काट रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यूटी होम सेक्रेटरी ने हाल ही में एसपी हेडक्वार्टर को पत्र लिखकर रिटायर पुलिस जवानों के सभी मेडिकल क्लेम बिल रोकने के निर्देश दिए हैं।


पत्र में कहा गया है कि अब रिटायर जवानों का इलाज केवल केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत कैशलेस कार्ड से ही किया जाएगा। इस कारण, हेडक्वार्टर में मेडिकल बिल लेकर आने वाले जवानों के बिलों को रोककर उन्हें सेक्टर-45 स्थित अस्पताल में सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए भेजा जा रहा है।


पुलिस हेडक्वार्टर ने गृह विभाग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए जारी पत्र से पहले इलाज करवा चुके मेडिकल क्लेम के पुराने बिलों को क्लीयर करना है या नहीं। इस पर गृह विभाग की ओर से अभी तक कोई उत्तर नहीं आया है।


बदलाव की प्रक्रिया


सीजीएचएस कार्ड बनवाने के बाद, रिटायर जवानों को सेक्टर-45 और सेक्टर-29 डिस्पेंसरी में ही इलाज के लिए जाना होगा। यहां सभी उपचार मुफ्त होंगे, और उन्हें कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा।


यदि किसी बीमारी का इलाज डिस्पेंसरी में संभव नहीं है, तो वहां के डॉक्टर रिटायर जवान को सीजीएचएस के पैनल्ड निजी अस्पताल में रेफर करेंगे। निजी पैनल्ड अस्पतालों में इलाज भी सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार किया जाएगा।