चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए नई पहल

चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता में सुधार की योजना
चंडीगढ़ एयर प्रदूषण, चंडीगढ़। सर्दियों के दौरान चंडीगढ़ की वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच जाती है। इस समस्या को हल करने के लिए अब बड़े पैमाने पर कदम उठाए जा रहे हैं। शुक्रवार को एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में, जो कि डायरेक्टर एन्वायर्नमेंट सौरभ कुमार की अध्यक्षता में हुई, कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
शहर के 10 प्रमुख संस्थानों को, जिनके पास विस्तृत क्षेत्र हैं, एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1981 की धारा 31-ए के तहत निर्देश दिए गए हैं। इनमें नगर निगम, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, यूटी पीजीआई, पीयू, पेक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, दड़वा स्थित भारतीय रेलवे, टाटा स्टील, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड और वर्मा ट्रांसपोर्ट कंपनी शामिल हैं। इन संस्थानों को अपने क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के लिए कहा गया है।
जहां भी ओपन एरिया है, वहां घास का कवर लगाना अनिवार्य होगा। यदि निरीक्षण के दौरान ओपन एरिया में घास का कवर नहीं पाया गया, तो एक्ट के तहत 10,000 से 5 लाख रुपए तक की पेनल्टी लगाई जाएगी।
प्रशासन के सभी विभागों को हर महीने चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस मॉनसून में लगभग 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, और अधिकारियों के अनुसार, यह लक्ष्य लगभग पूरा हो गया है, हालांकि कुछ स्थानों पर अभी भी पौधारोपण होना बाकी है।
सभी विभागों को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत वर्ष 2024-25 के लिए प्राप्त फंड्स का उपयोग 30 सितंबर तक करना होगा। ऐसा न करने पर अगले वर्ष के फंड्स रोके जा सकते हैं। निगम को 7.92 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिन्हें जल्द से जल्द उपयोग करने के लिए कहा गया है।
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में खर्च की गई राशि
मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायर्नमेंट द्वारा अब तक 40.73 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 31.17 करोड़ रुपए का उपयोग चंडीगढ़ में किया गया है।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
आईटीएमएस : शहर में सभी स्थानों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किया जाएगा। निगम को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द पूरे शहर में इस सिस्टम को लागू करने की व्यवस्था करें। इसके अलावा, क्रिमेशन ग्राउंड में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस लगाने के लिए प्रस्ताव भी जल्द प्रस्तुत करने को कहा गया है।
मियावाकी प्लांटेशन : निगम और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट उन स्थानों की पहचान करेंगे जहां उच्च घनत्व वाले पौधों की रोपाई की जा सके। यहां मियावाकी प्लांटेशन किया जाएगा, जिसमें एक साथ कई प्रकार के पौधे कम स्थान में लगाए जाएंगे। डंपिंग ग्राउंड के आसपास हरियाली का बफर बनाया जाएगा।
वाहन उत्सर्जन अनुपालन : सीपीसीसी, ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीमें वाहन उत्सर्जन अनुपालन की जांच करेंगी। सरकारी और वाणिज्यिक वाहनों की भी जांच की जाएगी, जैसे कि सीटीयू की बसें और अन्य सरकारी वाहन, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे केंद्रीय मोटर वाहन नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
ग्रीन क्रैकर्स : दिवाली पर पटाखों के उपयोग पर सख्ती बरती जाएगी, केवल ग्रीन कैटेगरी के पटाखों की अनुमति होगी और निर्धारित समय पर ही पटाखे चलाने की सुनिश्चितता की जाएगी।
सड़कों की सफाई : सड़कों को पानी से धोया जाएगा, जिसके लिए एसटीपी में उपचारित पानी का उपयोग किया जाएगा।
निगरानी : पीएम 10 स्तर की निगरानी सीपीसीसी द्वारा की जाएगी, और कमेटी को रिपोर्ट और सिफारिशें प्रस्तुत की जाएंगी।
निगम और सीपीसीसी मिलकर एक हेल्पलाइन जारी करेंगे, जिससे लोग वायु प्रदूषण से संबंधित समस्याओं के लिए संपर्क कर सकेंगे।