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चंडीगढ़ में सोलर पैनल लगाने के लिए नई योजना का आगाज़

चंडीगढ़ नगर निगम ने अपनी संपत्तियों पर सोलर पैनल लगाने के लिए रेंट ए रूफ योजना को लागू किया है। इसके तहत चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की संपत्तियों पर भी सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस पहल से शहर में ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी, और कई मेगावॉट बिजली उत्पन्न की जा सकेगी। इसके अलावा, उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट भी स्थापित किया जाएगा। जानें इस योजना के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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चंडीगढ़ में सोलर पैनल लगाने के लिए नई योजना का आगाज़

चंडीगढ़ में सोलर पैनल योजना की शुरुआत

चंडीगढ़ सोलर रेंट ए रूफ, (चंडीगढ़): चंडीगढ़ नगर निगम ने अपनी संपत्तियों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए रेंट ए रूफ योजना को लागू कर दिया है। अब चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CHB) की संपत्तियों के लिए भी इसी तरह की योजना लाने की तैयारी चल रही है। चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (CREST) ने हाउसिंग बोर्ड के लगभग 70,000 घरों को कवर करने का प्रस्ताव तैयार किया है।


जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इस योजना का अंतिम रूप दिया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि CHB सोसाइटियों में अनुपयोगी छतों पर निजी कंपनियां अपने खर्च पर सोलर पैनल स्थापित करेंगी। इसके बदले में सोसाइटियों को निश्चित किराया या बिजली बिल में छूट मिलेगी, या लिफ्टों के लिए बिजली की सुविधा दी जाएगी। वर्तमान में, चंडीगढ़ में केवल नगर निगम ने अपनी संपत्तियों के लिए यह योजना लागू की है।


सोलर एनर्जी के लिए छतों का उपयोग

चंडीगढ़ में सोलर रेंट ए रूफ योजना लागू


चंडीगढ़ में खुली जगहों की कमी के कारण बड़े सोलर प्लांट स्थापित करना कठिन है। इसलिए अधिकांश इमारतों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। सरकारी संपत्तियों का लगभग कवर हो चुका है, और कई निजी स्थानों पर भी प्लांट स्थापित हो चुके हैं। अब CHB के पास शहर में सबसे अधिक संपत्तियां हैं, जहां सोलर प्लांट लगाने से कई मेगावॉट बिजली उत्पन्न की जा सकेगी। इसमें स्मॉल फ्लैट्स योजना 2006 के तहत धनास और अन्य क्षेत्रों में बने हजारों मकान शामिल हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग CHB के निवासियों, RWAs और संघ के साथ बैठक करेगा। सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने अधिकारियों को CHB के साथ बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।


चंडीगढ़ में सोलर प्लांट की स्थिति

अब तक चंडीगढ़ में लगभग 90 मेगावॉट


चंडीगढ़ में अब तक लगभग 90 मेगावॉट के सोलर प्लांट स्थापित हो चुके हैं। 279.81 मिलियन यूनिट बिजली सोलर प्लांट्स के माध्यम से उत्पन्न हो चुकी है। हर साल 117.915 मिलियन यूनिट बिजली सोलर से बन रही है। लगभग 59 करोड़ रुपये की बिजली हर साल सोलर ऊर्जा से उत्पन्न हो रही है।


उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट

उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट


उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट सेक्टर-39 वाटर वर्क्स में स्थापित किया जाएगा। यह प्लांट लगभग 4.5 मेगावॉट का होगा। इस वाटर वर्क्स में 12 मेगावॉट से अधिक सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से शहर के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अध्ययन कराया जा रहा है, जिसमें सोलर प्लांट कहां लगाए जा सकते हैं, इसकी संभाव्यता रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


साइकिल ट्रैक पर सोलर प्लांट की योजना

250 किमी. के साइकिल ट्रैक पर भी सोलर प्लांट


रिपोर्ट के अनुसार, शहर के लगभग 250 किलोमीटर के साइकिल ट्रैक में सोलर प्लांट लगाने की योजना है। इसके अलावा विभिन्न पार्किंग क्षेत्रों में भी सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए सार्वजनिक स्टेशनों में बिजली सोलर से उत्पन्न की जाएगी। इसके लिए चार स्थानों का चयन किया गया है, जिनमें से एक IT पार्क में सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन बनेगा। शहर के अन्य क्षेत्रों में तीन और स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।