चंडीगढ़ हाईकोर्ट में बरामदा निर्माण परियोजना को मिली हरी झंडी
चंडीगढ़ हाईकोर्ट: विवादों के बीच शुरू हुआ बरामदा निर्माण
चंडीगढ़ हाईकोर्ट में 13.78 लाख रुपये की लागत से बरामदा बनाने की परियोजना को मंजूरी मिली है। प्रशासन ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट कैपिटल कॉम्प्लेक्स में कवर्ड बरामदा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इंजीनियरिंग विभाग ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर-1 के बाहर इस बरामदे के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की है, जिसका कार्य दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बरामदा: धूप और बारिश से सुरक्षा, लेकिन विवादों का सामना!
इस बरामदे का निर्माण लगभग 13.78 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। पिछले कुछ महीनों से इस परियोजना को लेकर विवाद चल रहा था। हाईकोर्ट ने प्रशासन को बरामदा बनाने का आदेश दिया था, लेकिन प्रशासन ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट होने के कारण आगे नहीं बढ़ाया।
इसके बाद प्रशासन के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही भी शुरू की गई थी। प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट के आदेशों को बरकरार रखा और बरामदा बनाने का आदेश दिया। इस बरामदे के निर्माण से कोर्ट नंबर 1 में आने वाले लोगों और वकीलों को धूप और बारिश से बचने के लिए एक सुरक्षित स्थान मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बरामदा बनाने से यूनेस्को की गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं होगा
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के लिए यूनेस्को की गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं होगा। यदि आवश्यक हो, तो चंडीगढ़ प्रशासन को संबंधित निर्माण के लिए पहले अनुमति लेने से नहीं रोका जाएगा और इसे न्यूनतम सुरक्षा उपाय के रूप में किया जाएगा।
वर्ल्ड हेरिटेज साइट का मामला
2023 में हाईकोर्ट के सचिव ने इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद, 2024 में हाईकोर्ट ने कोर्ट नंबर-1 के बाहर बरामदा बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट नंबर-1 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट है, जहां अभी तक बरामदा नहीं बना है।
कोर्ट नंबर-2 और अन्य स्थानों पर बारिश या तेज धूप में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए ऐसे बरामदे पहले से बने हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार, प्रशासन ने कहा था कि हाईकोर्ट बिल्डिंग कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है और इसके निर्माण के लिए यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी से अनुमति लेनी होगी।
यदि दिसंबर 2024 तक आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो हाईकोर्ट ने प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था। प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगा दी थी।
