चंद्रमा पर एस्टेरॉयड के संभावित टकराव का खतरा: NASA और ESA की चेतावनी
चंद्रमा की ओर बढ़ रहा एस्टेरॉयड
नई दिल्ली: साल 2024 के अंत में धरती से टकराने की आशंका ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी थी, लेकिन अब इस एस्टेरॉयड ने अपनी दिशा बदल ली है। वैज्ञानिकों और आम जनता ने राहत की सांस ली है कि धरती अब सुरक्षित है, लेकिन एक नई चिंता उभरकर सामने आई है। यह एस्टेरॉयड अब चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने चेतावनी दी है कि 'एस्टेरॉयड 2024 YR4' भविष्य में चंद्रमा की सतह से टकरा सकता है।
NASA और ESA के हालिया आंकड़ों के अनुसार, इस विशाल एस्टेरॉयड के चंद्रमा से टकराने की संभावना वर्तमान में 4 प्रतिशत आंकी गई है। हालांकि, यह जानकर राहत मिलती है कि 96 प्रतिशत संभावना है कि यह खगोलीय चट्टान पृथ्वी और चंद्रमा दोनों को बिना नुकसान पहुंचाए पास से गुजर जाए। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खतरे की सटीक स्थिति 2026 तक स्पष्ट हो जाएगी। तब तक नए आंकड़ों के आधार पर यह पता चलेगा कि टकराने का खतरा पूरी तरह टल गया है या फिर यह बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
यदि यह एस्टेरॉयड चंद्रमा से टकराता है, तो इसके परिणाम अत्यंत गंभीर हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह टक्कर इतनी शक्तिशाली होगी कि चंद्रमा की सतह पर आधा से एक किलोमीटर तक गहरा गड्ढा बन सकता है। इस टक्कर से निकलने वाला कई टन मलबा अंतरिक्ष में फैल जाएगा, जो पृथ्वी की कक्षा में मौजूद सैटेलाइट्स के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इसके अलावा, इस घटना के कारण अंतरिक्ष में उल्कापिंडों की बारिश भी हो सकती है।
चंद्रमा को इस संभावित खतरे से बचाने के लिए NASA और अन्य यूरोपीय एजेंसियों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। वैज्ञानिक इस समय एस्टेरॉयड का रास्ता बदलने के लिए स्पेसक्राफ्ट भेजने या इसे नष्ट करने के लिए परमाणु उपकरणों के उपयोग जैसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी अंतिम योजना पर निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन 2032 के आसपास होने वाली इस संभावित खगोलीय घटना पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।
