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चंबा में भूस्खलन से सड़क यातायात प्रभावित, ग्रामीणों को कठिनाई का सामना

हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक गंभीर भूस्खलन ने सड़क यातायात को बाधित कर दिया है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। घटना के समय कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, लेकिन मलबा गिरने से 10 से 15 वाहन फंस गए हैं। लोक निर्माण विभाग की टीम स्थिति को संभालने में जुटी है, लेकिन लगातार मलबा गिरने के कारण सड़क को खोलने में देरी हो रही है। जानें इस घटना के पीछे के कारण और स्थानीय लोगों की परेशानियों के बारे में।
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चंबा में भूस्खलन से सड़क यातायात प्रभावित, ग्रामीणों को कठिनाई का सामना

चंबा में भूस्खलन की घटना

चंबा में भूस्खलन: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक गंभीर भूस्खलन की घटना हुई है। यह घटना शनिवार को विकास खंड मैहला के कुंडी-सुनारा संपर्क मार्ग पर हुई, जब अचानक पहाड़ का एक हिस्सा गिर गया। इस घटना के कारण सड़क पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, लेकिन पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने के कारण सड़क को खोलने में कठिनाई हो रही है। इस घटना के चलते 10 से 15 वाहन सड़क पर फंस गए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते हुए देखे गए। 


शनिवार की सुबह कुंडी-सुनारा मार्ग पर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक गिर गया। सौभाग्य से, उस समय कोई वाहन वहां नहीं था, अन्यथा यह एक बड़ा हादसा बन सकता था। क्षेत्र में लंबे समय से बारिश न होने के कारण गर्मी और सूखे की स्थिति बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सूखे के कारण भूगर्भीय हलचलें ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकती हैं। 



मलबे के कारण यातायात बाधित


लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहा है, जिससे सड़क पर मशीनरी लगाना जोखिम भरा हो गया है। एक अधिकारी ने बताया, 'जैसे ही मलबा गिरना बंद होगा, हम जल्द ही सड़क को यातायात के लिए खोल देंगे।' फिलहाल, सड़क बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग के बंद होने से उनकी दैनिक जरूरतों और आपातकालीन सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। 


जनजातीय क्षेत्रों में भूस्खलन की समस्या


जनजातीय क्षेत्रों में पहाड़ दरकने की घटनाएं नई नहीं हैं। हाल ही में, चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे पर लाहल ढांक के पास भी ऐसी ही एक घटना हुई थी, जिससे कई घंटों तक यातायात बाधित रहा। इसके अलावा, खड़ा मुख-होली मार्ग पर भी ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। सूखे की स्थिति में पहाड़ों के अस्थिर होने से स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञ चिंतित हैं।