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चक्रवात शक्ति: महाराष्ट्र में अलर्ट, मछुआरों के लिए चेतावनी

Cyclone Shakti is rapidly intensifying in the Arabian Sea, leading to alerts for Maharashtra and nearby coastal areas. The Indian Meteorological Department warns of heavy rainfall, strong winds, and high waves. The state government has activated disaster management teams and prepared evacuation plans. Fishermen are advised to stay away from the sea until Tuesday. The cyclone's trajectory suggests it will weaken by October 6, but coastal regions must remain vigilant. The naming of Cyclone Shakti was proposed by Sri Lanka, as part of a regional naming system involving 13 countries. Stay tuned for updates on this developing situation.
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चक्रवात शक्ति: महाराष्ट्र में अलर्ट, मछुआरों के लिए चेतावनी

चक्रवात शक्ति का अलर्ट

Cyclone Shakti: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अरब सागर में तेजी से विकसित हो रहे चक्रवात 'शक्ति' के चलते महाराष्ट्र और उसके आस-पास के तटीय क्षेत्रों के लिए चेतावनी जारी की है। विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में भारी बारिश, तेज हवाएं और समुद्र में ऊंची लहरें देखने को मिल सकती हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है और संभावित निकासी की योजनाएं भी तैयार की गई हैं।


चक्रवात शक्ति की स्थिति

IMD के अनुसार, चक्रवात शक्ति अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल चुका है। यह उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व अरब सागर में केंद्रित है। शनिवार दोपहर 12 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, यह तूफान पिछले छह घंटों में लगभग 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ा है।


सुबह 8.30 बजे तक इसका केंद्र अक्षांश 22.0°N और देशांतर 64.5°E के पास था। यह गुजरात के द्वारका से लगभग 470 किलोमीटर पश्चिम, नलिया से 470 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, कराची (पाकिस्तान) से 420 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम और मसिराह (ओमान) से करीब 600 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थित था।


भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने बताया कि यह तूफान धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ता रहेगा। अनुमान है कि 5 अक्टूबर तक यह उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य अरब सागर तक पहुंच जाएगा। 6 अक्टूबर की सुबह से इसके मार्ग में बदलाव होने और यह पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुड़ते हुए धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। हालांकि, इसके प्रभाव से गुजरात, उत्तर महाराष्ट्र और पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति अत्यधिक खराब बनी रहेगी। इसलिए अगले 24 से 48 घंटे तक सतर्क रहने की आवश्यकता है।


मछुआरों के लिए चेतावनी

IMD ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे मंगलवार तक समुद्र में न जाएं। विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम अरब सागर, उत्तर-पूर्व अरब सागर, मध्य अरब सागर और गुजरात-उत्तर महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से दूर रहें। जिन नावों और नौकाओं ने पहले ही समुद्र का रुख कर लिया है, उन्हें तुरंत सुरक्षित बंदरगाहों पर लौटने का निर्देश दिया गया है।


अरब सागर में तूफानों का इतिहास

अरब सागर में बंगाल की खाड़ी की तुलना में कम चक्रवात बनते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां भी कई खतरनाक तूफान आए हैं। साल 2021 में चक्रवात तौकते और 2023 में बिपरजॉय ने तटीय राज्यों में भारी तबाही मचाई थी। इन घटनाओं के कारण अब प्रशासन और जनता दोनों ही ज्यादा सतर्क रहते हैं।


चक्रवात के नामकरण की प्रक्रिया

चक्रवात शक्ति का नाम श्रीलंका ने प्रस्तावित किया था। दरअसल, चक्रवातों के नामकरण की एक क्षेत्रीय प्रणाली है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड सहित 13 देश शामिल हैं। हर देश अपनी बारी से नाम सुझाता है।