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चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद: अश्लील हरकतों के आरोपों पर कार्रवाई शुरू

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के चीका में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर छात्राओं ने अश्लील हरकतों और अनुचित संबंधों के आरोप लगाए हैं। इस मामले ने शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जिला उपायुक्त ने जांच के लिए एक समिति का गठन किया है, जबकि सामाजिक संगठनों ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग की है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और समाज की प्रतिक्रिया।
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चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद: अश्लील हरकतों के आरोपों पर कार्रवाई शुरू

चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद: गंभीर आरोपों के बाद प्रशासन की कार्रवाई

चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद: अश्लील हरकतों के आरोपों पर कार्रवाई शुरू: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के चीका में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे क्षेत्र में हलचल मच गई है।


छात्राओं ने जिला उपायुक्त को एक गुमनाम पत्र भेजकर प्रिंसिपल पर अश्लील हरकतें करने और अनुचित संबंधों का आरोप लगाया है। इस मामले ने स्कूल की पढ़ाई को प्रभावित किया है।


जिला उपायुक्त ने इस मामले की जांच का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा है। यह घटना शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करें।


छात्राओं का पत्र और आरोप


चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद की शुरुआत तब हुई जब छात्राओं ने उपायुक्त को गुमनाम पत्र भेजा। पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रिंसिपल शिक्षिकाओं के साथ कार्यालय में घंटों बिताते हैं, जिससे छात्राएं मानसिक तनाव में हैं।


छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल और शिक्षिकाओं के बीच अनुचित संबंधों की चर्चा स्कूल में आम है। एक छात्रा ने प्रिंसिपल पर अश्लील हरकतों का भी आरोप लगाया। छात्राओं ने इस शिकायत को स्कूल में आयोजित लीगल लिटरेसी कैंप से प्रेरित होकर किया।


जांच प्रक्रिया और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया


जिला उपायुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है।


यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रिंसिपल को तुरंत न हटाया गया, तो वे स्कूल में ताला लगाने की कार्रवाई करेंगे। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने की भी धमकी दी है। प्रिंसिपल ने इन आरोपों को निराधार बताया है।


समाज और बाल सुरक्षा पर चिंताएं


चीका स्कूल प्रिंसिपल विवाद ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। छात्राओं ने महिला आयोग, शिक्षा मंत्री, और मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है।


यह घटना शिक्षा के क्षेत्र में नैतिकता और विश्वास को चुनौती देती है। अभिभावकों और नागरिकों से अपील की जाती है कि वे अपने बच्चों से खुलकर बात करें। प्रशासन से मांग की जाती है कि जांच को जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह मामला समाज को जागरूक करने का एक अवसर प्रदान करता है।