चीन और रूस की इजराइल-ईरान संघर्ष पर चिंता

चीन और रूस की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर चीन ने अपनी चिंता व्यक्त की है। राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने इस मुद्दे पर पहली बार बयान दिया है, जबकि रूस ने ईरान का खुलकर समर्थन किया है। रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि यदि वह इस संघर्ष में शामिल होता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका को इस संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप से बचना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा हुआ, तो इसके परिणाम बहुत खतरनाक होंगे। जखारोवा ने यह भी कहा कि इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले का मतलब है कि दुनिया एक बड़ी तबाही के कगार पर है।
उन्होंने सवाल उठाया, 'दुनिया की समुदाय कहां है? पर्यावरणविद कहां हैं? क्या उन्हें लगता है कि रेडिएशन उन तक नहीं पहुंचेगा?' रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबको ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ सीधे युद्ध में शामिल होने की योजना बना रहा है। ट्रंप ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग की थी, लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया।
इस बीच, बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने इस संघर्ष पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'बीजिंग इस संघर्ष और टकराव को लेकर बहुत चिंतित है।' चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने को लेकर चिंतित है, जो ईरान के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाई के कारण उत्पन्न हुआ है।