चीन और रूस की भूमिका: क्या तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है दुनिया?

चीन और रूस का युद्ध में प्रवेश
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भागीदारी सामने आई है। चीन के इस कदम ने वैश्विक स्तर पर अटकलों को जन्म दिया है कि क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का संकेत है। हाल ही में ईरान में एक चीनी मालवाहक विमान के उतरने की खबर ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विमान ने अपने ट्रांसपोंडर बंद कर दिए थे, जिससे यह रडार से बच गया। ऐसा माना जा रहा है कि इस विमान के माध्यम से चीन ने ईरान को हथियारों की बड़ी खेप भेजी है। ट्रांसपोंडर बंद करके विमान का उतरना एक गुप्त ऑपरेशन का संकेत देता है। चीन और ईरान के बीच की रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए, इसमें सैन्य उपकरण या प्रतिबंधित सामग्री हो सकती है।
चीन का अमेरिका को चुनौती
यदि चीन इस संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल होता है, तो यह अमेरिका के लिए एक सीधी चुनौती बन जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को चेतावनी दी है कि उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस संदर्भ में, चीन का यह कदम अमेरिका के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में चीन पहले से ही ईरान के समर्थन में खड़ा है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि बीजिंग ईरान पर इजरायल के हमलों पर ध्यान दे रहा है और ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली कार्रवाइयों का विरोध करता है।
चीन की चिंता और रूस की मध्यस्थता
चीन ने इजरायली हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे गंभीर परिणामों वाला बताया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने वाली कार्रवाइयों का विरोध करता है।
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप से संपर्क कर युद्ध को रोकने की अपील की है। रूसी राजदूत ने कहा है कि मॉस्को इस संघर्ष को समाप्त करने में मध्यस्थता कर सकता है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या इजरायल इसे स्वीकार करेगा।