चीन का इजरायल-ईरान संघर्ष पर कड़ा बयान

चीन की प्रतिक्रिया
चीन का इजरायल-ईरान संघर्ष पर बयान: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध पर चीन ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इजरायल द्वारा किए जा रहे हमलों पर कड़ी आपत्ति जताई है।
चीन की आपत्ति
चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू कॉन्ग ने कहा कि इजरायल की हालिया सैन्य गतिविधियाँ अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक संबंधों के नियमों का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे न केवल ईरान की संप्रभुता को खतरा है, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में अस्थिरता भी बढ़ सकती है। चीन ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
संघर्ष का प्रभाव
फू कांग ने कहा कि यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो केवल इजरायल और ईरान ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के अन्य देशों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बिगड़ते हालात को तुरंत संभालने की आवश्यकता पर जोर दिया।
परमाणु वार्ता पर असर
परमाणु मुद्दे की बातचीत पटरी से उतारी - चीन
चीन ने अमेरिका और ब्रिटेन का नाम लिए बिना, संघर्ष में शामिल बड़े देशों से शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। फू कांग ने अमेरिका पर आग में घी डालने का आरोप लगाया और कहा कि इस संघर्ष ने ईरानी परमाणु मुद्दे पर चल रही वार्ता को प्रभावित किया है।
चीन का ईरान के प्रति समर्थन
ईरान के साथ खड़ा है चीन!
13 जून को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इजरायल की कार्रवाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की और ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करने का विरोध किया। विदेश मंत्री वांग यी ने इसे 'अस्वीकार्य' बताया और अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 17 जून को कहा कि मध्य पूर्व वैश्विक शांति के लिए खतरा है और सभी चरमपंथियों को युद्ध की दिशा में काम करना बंद करना चाहिए।