चीन की ताइवान पर कब्जे की धमकी: रक्षा मंत्री का बयान

चीन की ताइवान पर आक्रामकता
बीजिंग: चीन ने ताइवान को फिर से खुली धमकी दी है कि वह उसे अपने नियंत्रण में ले लेगा। बीजिंग में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा फोरम में, चीन के रक्षा मंत्री दोंग जुन ने वैश्विक सैन्य अधिकारियों के समक्ष यह घोषणा की कि उनका देश ताइवान को अपने अधीन लाने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी बाहरी सैन्य हस्तक्षेप को नाकाम करने के लिए तत्पर है।
रक्षा मंत्री दोंग जुन ने शिआंगशान सुरक्षा फोरम में कहा, "चीन ताइवान की स्वतंत्रता के लिए किसी भी अलगाववादी प्रयास को सफल नहीं होने देगा।" उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधते हुए कहा कि बाहरी सैन्य हस्तक्षेप और दूसरों को अपने पक्ष में खड़ा करने की कोशिशें दुनिया को अराजकता में धकेलती हैं। दोंग ने यह भी स्पष्ट किया कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है और इसे मुख्य भूमि से जोड़ने की प्रक्रिया को कोई नहीं रोक सकता।
चीन की यह धमकी उस समय आई है जब उसने हाल ही में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया था। इस परेड में चीन ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइलों, टैंकों और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया, जिससे उसकी सैन्य शक्ति का अहसास हुआ। रक्षा मंत्री का यह बयान इस शक्ति प्रदर्शन के तुरंत बाद आया है, जिसे गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
चीन की धमकियों के बीच, ताइवान ने हमेशा की तरह बीजिंग के दावों को सख्ती से खारिज किया है। 2.3 करोड़ की आबादी वाला ताइवान 1949 से एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के रूप में कार्य कर रहा है। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी सरकार का कहना है कि ताइवान एक संप्रभु देश है और इसका भविष्य केवल ताइवान की जनता ही तय करेगी। उल्लेखनीय है कि चीन नियमित रूप से अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को ताइवान के निकट भेजकर उस पर सैन्य और मानसिक दबाव बनाए रखता है।