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चीन के परमाणु हथियारों में तेजी से वृद्धि: क्या भारत और अमेरिका के लिए खतरा है?

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई रिपोर्ट में चीन के परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से वृद्धि का खुलासा हुआ है। पिछले एक साल में चीन ने 100 से अधिक परमाणु हथियार बनाए हैं, जिससे उसकी कुल संख्या 600 हो गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने 24 परमाणु वॉरहेड्स को हमेशा लॉन्च के लिए तैयार रखा है। यह स्थिति भारत और अमेरिका के लिए चिंता का विषय बन गई है। क्या चीन ताइवान के मुद्दे पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है? जानें इस रिपोर्ट में और क्या है चीन की सैन्य नीति के पीछे की रणनीति।
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चीन के परमाणु हथियारों में तेजी से वृद्धि: क्या भारत और अमेरिका के लिए खतरा है?

चीन के परमाणु हथियारों की चौंकाने वाली वृद्धि

China Nuclear Weapons: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट में चीन की सैन्य क्षमताओं के बारे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पिछले एक वर्ष में 100 से अधिक परमाणु हथियारों का निर्माण किया है, जिससे अब उसके पास कुल 600 परमाणु हथियार हो गए हैं, जो भारत के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं।


चीन की आक्रामक सैन्य नीति

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि चीन ने 24 परमाणु वॉरहेड्स को हमेशा लॉन्च के लिए तैयार रखा है। यह स्थिति चीन की आक्रामक सैन्य नीति और संभावित युद्ध की तैयारी को दर्शाती है। यह सवाल उठता है कि क्या चीन भारत के खिलाफ कोई कदम उठाने की योजना बना रहा है या अमेरिका को चुनौती देने का इरादा रखता है?


परमाणु शस्त्रागार में तेजी से वृद्धि

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का परमाणु शस्त्रागार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 2023 से, चीन हर साल औसतन 100 नए परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है। अनुमान है कि 2035 तक यह संख्या 1500 तक पहुंच सकती है, जो अमेरिका और रूस के परमाणु भंडार का एक-तिहाई होगी।


ताइवान के लिए बढ़ती चिंता

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ताइवान के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। चीन ने ताइवान को अपनी भूमि का हिस्सा मानते हुए सैन्य एकीकरण की धमकी दी है। ऐसे में परमाणु हथियारों का विस्तार अमेरिका को ताइवान मुद्दे पर हस्तक्षेप से रोकने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।


चीन के 24 वॉरहेड्स की तैनाती

चीन ने अपने 24 परमाणु हथियारों को कभी भी लॉन्च के लिए तैयार रखा है, जो संभावित टकराव की स्थिति में इनका उपयोग करने की उसकी तत्परता को दर्शाता है।


अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों का विस्तार

चीन अपने भूमि आधारित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) की संख्या में भी वृद्धि कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने तीन नए ICBM साइलो फील्ड का निर्माण पूरा कर लिया है, जिससे उसकी लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता मजबूत हो रही है।


समुद्री ताकत में वृद्धि

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की SSBN (न्यूक्लियर सबमरीन) अब दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में नियमित गश्त कर रही हैं। हालांकि, इन पनडुब्बियों की पहुंच अमेरिका तक नहीं है, इसलिए चीन अब परमाणु बमवर्षक विमानों के विकास में भी जुट गया है। नया H-6N बमवर्षक फिलहाल विकास के प्रारंभिक चरण में है और इसके लिए नेक्सियांग में एक नया बेस तैयार किया जा रहा है।


भारत की सैन्य तैयारी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार में मामूली विस्तार किया है। भारत नई पीढ़ी की कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें विकसित कर रहा है, जो एक साथ कई वॉरहेड ले जाने में सक्षम हैं। यह भारत की परमाणु नीति को और अधिक प्रभावशाली और उत्तरदायी बनाता है।