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चीन के राजदूत ने ट्रंप की नीतियों पर कसा तंज

चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप को धमकाने वाला बताया और टैरिफ के जरिए अन्य देशों को दबाने की कोशिशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, मोदी की संभावित चीन यात्रा और टैरिफ के आर्थिक प्रभाव पर भी चर्चा की गई है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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चीन के राजदूत ने ट्रंप की नीतियों पर कसा तंज

चीन के राजदूत की ट्रंप पर आलोचना

नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की कड़ी आलोचना की। ट्रंप ने एक दिन पहले भारत के निरंतर तेल व्यापार के खिलाफ भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिससे कुल ड्यूटी 50 प्रतिशत तक पहुंच गई। जू फेइहोंग ने ट्रंप को धमकाने वाला करार देते हुए कहा कि धमकाने वाले को एक इंच देने पर वह एक मील ले लेता है। उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ब्राजील के राष्ट्रपति के सलाहकार के बीच हुई एक फोन कॉल का उल्लेख किया, जिसमें यी ने कहा कि अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ का उपयोग करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और यह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों को कमजोर करता है।


भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव

अमेरिकी प्रशासन ने भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार माना है, जो चीन के खिलाफ समान विचारधारा रखता है। भारत और चीन दक्षिण एशिया में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी अगस्त के अंत में चीन की यात्रा कर सकते हैं, जो 2018 के बाद उनकी पहली यात्रा होगी। हालांकि, अधिकारियों ने इस यात्रा की पुष्टि नहीं की है। मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस में हुई थी।


टैरिफ का आर्थिक प्रभाव

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार, इन टैरिफ के कारण भारत के निर्यात में 60% की कमी आ सकती है, जो न केवल वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों के लिए बल्कि चीन के लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5% बढ़ेगी, जो पिछले वर्ष के समान है और इससे पहले देखी गई औसत 8% वृद्धि से काफी कम है।