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चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा: कांग्रेस ने पीएम मोदी पर किया हमला

चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, जिसके चलते कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने मोदी के 2020 में दिए गए बयान को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने चीन को क्लीन चिट दी थी। रमेश ने यह भी बताया कि चीन ने हाल ही में पाकिस्तान को सैन्य सहायता प्रदान की थी। इस लेख में जानें, कैसे यह दौरा भारत-चीन संबंधों पर असर डाल सकता है।
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चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा: कांग्रेस ने पीएम मोदी पर किया हमला

चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा

चीन के विदेश मंत्री आज नई दिल्ली में तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंच रहे हैं। उनकी मुलाकात भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से होने वाली है। इस दौरे से पहले, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि भारत अब उस क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जो मोदी ने 19 जून, 2020 को चीन को दी थी, जब उन्होंने कहा था, 'न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।'


'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन की मदद'

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान व्यापक सैन्य सहायता प्रदान की थी। इस दौरान, चीन ने पाकिस्तान को J-10C लड़ाकू विमान, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल और अन्य हथियार उपलब्ध कराए। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ लाइव इंटेलिजेंस भी मुहैया कराई थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत जिन 'विरोधियों' से लड़ रहा था, उनमें चीन भी शामिल था।


'यारलुंग त्संगपो नदी पर चीन का बांध'

उन्होंने आगे बताया कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर 60 गीगावाट क्षमता वाले मेदोग बांध का निर्माण शुरू कर दिया है, जो भारत के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। भारतीय सेना की इच्छा थी कि अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल किया जाए, लेकिन सरकार ने अक्टूबर 2024 में चीन के साथ 'डिसएंगेजमेंट' समझौता मान लिया, जिसके तहत भारतीय गश्ती दलों को देपसांग, देमचोक और चुशूल में अपने गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने के लिए चीनी सहमति लेनी पड़ती है।


जयराम रमेश का बयान

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारत ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो में 'बफर जोन' पर सहमति जताई है, जो भारत के दावे वाली रेखा के भीतर आते हैं। यह स्थिति चीनी आक्रमण से पहले की स्थिति से बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि भारत अब उस क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जो प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को दी थी, और यह बयान न केवल कायराना था, बल्कि इससे जून 2020 में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान का भी अपमान हुआ।