चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा और पाकिस्तान में हलचल
चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान में हुई उच्चस्तरीय बैठक ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बैठक में पाकिस्तान और चीन के बीच रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की गई, जो भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौतियाँ पेश कर सकता है। जानें इस घटनाक्रम का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा और विशेषज्ञों की राय क्या है।
Aug 23, 2025, 13:06 IST
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चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा
पांच वर्षों के अंतराल के बाद, चीन के विदेश मंत्री भारत आए। इस दौरान उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में कुछ ऐसे मुद्दे उठे, जिन्होंने पाकिस्तान में हलचल मचा दी। इसी बीच, भारत और रूस के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में वार्ता की। लेकिन इन मुलाकातों के अलावा, एक और महत्वपूर्ण घटना भारत के पड़ोस में घटित हुई। पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने इस्लामाबाद में एक बैठक की। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उच्चस्तरीय वार्ता के बाद 20 अगस्त को पाकिस्तान का दौरा किया।
पाकिस्तान में वांग यी की बैठक
भारत इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है। इस्लामाबाद में, वांग यी ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के छठे दौर में भाग लिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने पाकिस्तान-चीन संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) 2.0, व्यापार एवं आर्थिक संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच संबंधों पर गहन विचारों का आदान-प्रदान किया।
सीपीईसी और भारत पर प्रभाव
पाकिस्तान और चीन के बीच सदाबहार रणनीतिक सहयोग पर जोर देते हुए, दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच मित्रता क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ समन्वय और संवाद जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। हालाँकि, इस बैठक का भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, खासकर इसलिए क्योंकि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है, जिस पर भारत अपना दावा करता है। भारत ने इस परियोजना का लगातार विरोध किया है और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।
भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ
विशेषज्ञों के अनुसार, सीपीईसी के तहत पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती नज़दीकी भारत के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती पेश करती है, खासकर ऐसे समय में जब भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है और भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में कूटनीति के प्रोफेसर डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव, भारत के लिए सीपीईसी के रणनीतिक निहितार्थों की व्याख्या करते हैं।