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चीन ने भारत-पाक संघर्ष को हथियार परीक्षण का मंच बनाया: अमेरिकी आयोग का खुलासा

एक अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन ने मई 2025 में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष का उपयोग अपने हथियारों के परीक्षण के लिए किया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने राफेल विमानों को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार किया और पाकिस्तान को नए हथियारों की पेशकश की। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है और चीन की प्रतिक्रिया क्या है।
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चीन ने भारत-पाक संघर्ष को हथियार परीक्षण का मंच बनाया: अमेरिकी आयोग का खुलासा

अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य

वाशिंगटन: मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष पर एक अमेरिकी आयोग ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। 'यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन' की वार्षिक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि चीन ने इस युद्ध का उपयोग अपने हथियारों के परीक्षण और प्रचार के लिए किया।


रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने चार दिन तक चले इस संघर्ष को अपने आधुनिक हथियारों के लिए एक 'वास्तविक दुनिया का प्रयोग' माना और पाकिस्तान को व्यापक सहायता प्रदान की।


चीन के हथियारों का वास्तविक युद्ध में परीक्षण

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह संघर्ष चीन के लिए अपने आधुनिक हथियार प्रणालियों का वास्तविक युद्ध क्षेत्र में परीक्षण करने का पहला अवसर था। इस दौरान एचक्यू-9 (HQ-9) वायु रक्षा प्रणाली, पीएल-15 (PL-15) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और जे-10 (J-10) लड़ाकू विमानों की क्षमताओं का परीक्षण किया गया। आयोग ने स्पष्ट किया कि चीन का उद्देश्य केवल पाकिस्तान को सैन्य सहायता देना नहीं था, बल्कि वह इस युद्ध को अपनी हथियार शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था।


राफेल के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप

रिपोर्ट में एक और गंभीर आरोप लगाया गया है कि चीन ने अपने J-35 फाइटर जेट की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमानों को बदनाम करने की साजिश की। चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से AI और वीडियो गेम्स से ली गई तस्वीरें साझा कीं, जिसमें राफेल के मलबे की झूठी तस्वीरें दिखाकर यह दावा किया गया कि चीनी हथियारों ने उन्हें नष्ट कर दिया।


संघर्ष के बाद पाकिस्तान को नई पेशकश

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि युद्ध समाप्त होने के तुरंत बाद, जून में, चीन ने पाकिस्तान को नए हथियारों का एक जखीरा बेचने की पेशकश की। इसमें 40 J-35 (पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट), KJ-500 विमान और बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल थे।


चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने अमेरिकी आयोग की इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "यह रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी है और इसमें पूर्वाग्रह है।"


ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले से हुई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया।