चीन में अमेरिकी दुश्मनों की बढ़ती संख्या: किम जोंग उन की सैन्य परेड में भागीदारी

चीन में अमेरिकी विरोधियों की आमद
चीन इस समय अमेरिकी दुश्मनों का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। अमेरिका के साथ अपने संबंधों में खटास लाने के बाद, चीन ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए कई देशों को अपने करीब लाने का प्रयास किया है। वर्तमान में, चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एससीओ संगठन के बाद, अब एक सैन्य परेड का आयोजन किया जा रहा है। इस परेड में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति पेजिस्कियान के साथ उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन भी शामिल होंगे। उत्तर कोरियाई मीडिया ने इस संबंध में जानकारी साझा की है।
उत्तर कोरियाई मीडिया के अनुसार, किम जोंग उन अपनी बख्तरबंद ट्रेन से चीन जा रहे हैं, जहां वे अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ सैन्य परेड में भाग लेंगे।
सैन्य परेड का महत्व
किम जोंग उन और पुतिन उन 26 विश्व नेताओं में शामिल हैं, जो बीजिंग में आयोजित एक विशाल सैन्य परेड में भाग लेंगे। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ का प्रतीक है और जापान के युद्धकालीन आक्रमण के खिलाफ चीन के प्रतिरोध को याद दिलाती है। इस परेड में अमेरिका के प्रमुख दुश्मन भी शामिल होंगे, जिनमें ईरान के राष्ट्रपति पेजिस्कियान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हैं। किम जोंग उन ने प्योंगयांग से अपनी यात्रा शुरू की और अब वे चीन पहुंच चुके हैं।
उत्तर कोरियाई मीडिया का कहना है कि किम इस परेड में भाग लेंगे।
किम का अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में पहला भाग
किम जोंग उन अपने 14 वर्षों के कार्यकाल में पहली बार किसी बड़े अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। यह पहला मौका होगा जब किम, शी जिनपिंग और पुतिन, जिन्हें अमेरिका के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, एक ही स्थान पर एक साथ दिखाई देंगे। हालांकि, तीनों नेताओं के बीच किसी निजी बैठक की पुष्टि नहीं हुई है।
किम ने समारोह में भाग लेने के लिए अपनी विशेष ट्रेन से प्योंगयांग से चीन के लिए यात्रा की। उनकी ट्रेन, जो उनके पिता और दादा द्वारा भी उपयोग की जाती थी, उन्हें बीजिंग पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध है। पुतिन इस समय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन में हैं।