चीन, रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं की ऐतिहासिक एकता: बीजिंग में सैन्य परेड

बीजिंग में एकत्रित हुए तीन शक्तिशाली नेता
66 वर्षों में पहली बार, दुनिया ने देखा कि चीन, रूस और उत्तर कोरिया के प्रमुख नेता एक साथ खड़े हुए हैं। यह ऐतिहासिक क्षण बीजिंग के थियानमेन स्क्वायर में आयोजित एक भव्य सैन्य परेड के दौरान हुआ, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन शामिल थे। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध के अंत और जापान पर चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी। जब किम जोंग-उन काले सूट में रेड कार्पेट पर पहुंचे, तो शी जिनपिंग ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।जिनपिंग ने किम और पुतिन के साथ हाथ मिलाते हुए उनकी निकटता को दर्शाया। मंच की ओर जाते समय, पुतिन शी जिनपिंग के दाईं ओर और किम जोंग-उन उनकी बाईं ओर चल रहे थे। यह दृश्य अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश था। यह पहली बार था जब 1959 के बाद इन तीन समाजवादी देशों के नेता एक साथ किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए। इससे पहले, उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग, चीन के माओत्से तुंग और सोवियत संघ के निकिता ख्रुश्चेव एक साथ नजर आए थे।
इस परेड में चीन ने अपने अत्याधुनिक हथियारों और बेहतरीन सैन्य टुकड़ियों का प्रदर्शन किया। अपने भाषण में, शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया एक बार फिर युद्ध और शांति के चौराहे पर खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन शांति के मार्ग पर चलेगा, लेकिन उसे कोई डराने वाला नहीं है। किम जोंग-उन के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर था, क्योंकि यह पहला मौका था जब वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर इतने नेताओं के साथ दिखाई दिए। यह माना जा रहा है कि इस परेड में भाग लेकर किम अपनी और अपने देश की अलग-थलग पड़ी छवि को सुधारना चाहते हैं। हाल के समय में उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य संबंध मजबूत हुए हैं, लेकिन चीन हमेशा से उनका सबसे पुराना और महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। इस परेड ने तीनों देशों के बीच के संबंधों की गहराई को फिर से उजागर किया है।