चुनाव आयोग का नया नियम: पोस्टल बैलेट की गिनती पहले, ईवीएम बाद में

चुनाव आयोग के नए दिशा-निर्देश
राष्ट्रीय समाचार: चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब ईवीएम की गिनती तब तक नहीं होगी जब तक कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हो जाती। पहले, सुबह 8:30 बजे ईवीएम खोले जाते थे, भले ही पोस्टल बैलेट की गिनती बाकी हो। इस बदलाव के साथ, पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी, फिर ईवीएम की। यह कदम मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
पोस्टल बैलेट का महत्व
पोस्टल बैलेट का महत्व
पोस्टल बैलेट उन मतदाताओं के लिए है जो मतदान केंद्र नहीं पहुंच पाते। यह सुविधा 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों और चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के लिए है। इनका मतदान आम जनता से पहले होता है। नए नियम के अनुसार, ईवीएम तब तक बंद रहेंगे जब तक सभी पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हो जाती। इससे परिणामों पर किसी भी तरह का सवाल नहीं उठेगा।
गिनती की प्रक्रिया में सुधार
गिनती की प्रक्रिया में सुधार
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जहां पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक होगी, वहां अतिरिक्त टेबल लगाई जाएं। आवश्यकता पड़ने पर और कर्मचारियों की व्यवस्था भी की जाएगी। चुनाव अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि पहले पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो, फिर ईवीएम खोले जाएं। इससे गलतियों की संभावना कम होगी और विवाद भी घटेंगे।
नियमों में लगातार बदलाव
नियमों में लगातार बदलाव
यह निर्णय अकेला नहीं है। पिछले छह महीनों में आयोग ने 30 से अधिक बदलाव किए हैं। अब ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाई जा रही हैं और नाम बड़े अक्षरों में लिखे जा रहे हैं। हाल ही में वोटर आईडी को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ने का नियम भी लागू किया गया है। ये सभी कदम चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए उठाए गए हैं।
विपक्ष के आरोपों के बीच निर्णय
विपक्ष के आरोपों के बीच निर्णय
हाल के महीनों में विपक्ष ने आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा तक मतगणना पर सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी और वोटर लिस्ट से नाम कटने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के मद्देनजर आयोग ने यह सख्त निर्णय लिया है। आयोग का कहना है कि ये नियम प्रक्रिया को साफ और विश्वसनीय बनाने के लिए आवश्यक हैं।
बिहार चुनाव पर प्रभाव
बिहार चुनाव पर प्रभाव
नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव इन नए नियमों की पहली बड़ी परीक्षा होंगे। वोटों की गिनती की प्रक्रिया का सीधा असर करोड़ों मतदाताओं के विश्वास पर पड़ेगा। कुछ दलों ने इसे सकारात्मक बताया है, जबकि कुछ ने देरी का डर जताया है। आयोग का मानना है कि पारदर्शिता की कीमत पर तेजी नहीं होनी चाहिए। अब सभी की नजर बिहार पर है।
लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदम
लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में है। पोस्टल बैलेट को प्राथमिकता देकर आयोग ने छोटे से छोटे वर्ग के मतदाता को सम्मान दिया है। ईवीएम तभी खोले जाएंगे जब उनका हक पूरा हो जाएगा। यह तकनीक और मानवता का संतुलन है। यदि बिहार में यह प्रयोग सफल होता है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।