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चुनाव आयोग का स्पष्ट बयान: सभी दल समान हैं, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं

चुनाव आयोग ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों का खंडन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार की बात की और कहा कि आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। उन्होंने मतदाता सूची में सुधार के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने मतदाताओं की तस्वीरों को मीडिया में दिखाए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह सभी वर्गों के मतदाताओं के साथ खड़ा है।
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चुनाव आयोग का स्पष्ट बयान: सभी दल समान हैं, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली - विपक्ष द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच, चुनाव आयोग ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस दौरान कहा कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का अस्तित्व आयोग में पंजीकरण से होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी दल समान हैं।


ज्ञानेश कुमार ने कहा, "कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है, तो आयोग उन दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी दल समान हैं। चाहे किसी भी दल का कोई भी हो, आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगा।" उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया में सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना चाहिए।" उन्होंने विपक्ष द्वारा मतदाताओं की तस्वीरों को मीडिया में दिखाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा, "कुछ दिन पहले हमने देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया में पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए और उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को मतदाताओं, उनकी माताओं, बहुओं या बेटियों के सीसीटीवी फुटेज साझा करने चाहिए? मतदाता सूची में जिनके नाम होते हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं।"


उन्होंने आगे कहा, "लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स और 20 लाख से अधिक प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट्स चुनाव के लिए कार्य करते हैं। इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट की चोरी कर सकता है? कुछ मतदाताओं द्वारा दोहरे मतदान के आरोप लगाए गए, लेकिन सबूत मांगने पर कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे मिथ्य आरोपों से न तो चुनाव आयोग डरता है और न ही कोई मतदाता। जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आयोग आज स्पष्ट करना चाहता है कि हम निडरता के साथ सभी वर्गों और धर्मों के मतदाताओं के साथ खड़े हैं।"