चुनाव आयोग की बैठक: कांग्रेस के आरोपों पर होगी चर्चा
महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन
कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों और आरोपों के संदर्भ में चुनाव आयोग ने आज दोपहर 12 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में केवल 30 नेताओं को आयोग के कार्यालय में आने की अनुमति दी जाएगी, और उनके वाहनों की जानकारी पहले से आयोग को भेजनी होगी, ताकि पार्किंग और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। यह बैठक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश की अगुवाई में विपक्षी दलों द्वारा की गई मांग के बाद बुलाई गई है। जयराम रमेश ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को रोका जाए और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाए। आयोग ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए बैठक का समय निर्धारित किया है।चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए पत्र में बैठक के एजेंडे का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि बैठक में 30 से अधिक नेता शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा, नेताओं के वाहनों के नंबर पहले से उपलब्ध कराने की शर्त भी रखी गई है, ताकि पार्किंग की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा सके।
राहुल गांधी के आरोप और आयोग का जवाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हाल ही में, उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक लाख वोटों की चोरी का आरोप लगाया था। इस पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को एक एफिडेविट भेजा, जिसमें कहा गया कि आयोग उनकी शिकायतों की जांच करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए एक कानूनी दावेदारी की आवश्यकता होगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राहुल गांधी के आरोप गलत पाए गए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
विपक्ष का विरोध और मार्च
इस बीच, विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह मार्च बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा कथित रूप से फर्जी वोटर फॉर्म भरने के खिलाफ होगा। उनका आरोप है कि बीएलओ एक कमरे में बैठकर बड़ी संख्या में फर्जी फॉर्म भर रहे हैं, और आयोग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा, "चुनाव आयोग कह रहा है कि कई लोग मर चुके हैं, लेकिन उनकी सूची नहीं दी जा रही है।" इसी संदर्भ में, इंडिया अलायंस के सभी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च निकालने का ऐलान किया है। यह मार्च आयोग की कार्यप्रणाली और बिहार में चल रहे पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाएगा।