चेनाब ब्रिज के उद्घाटन पर प्रो. जी माधवी लता की विनम्रता ने जीता दिल

प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब ब्रिज का उद्घाटन किया
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में स्थित चेनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह एक अद्भुत इंजीनियरिंग उपलब्धि है, जिसने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रशंसा प्राप्त की है। इस ऐतिहासिक परियोजना की सफलता के पीछे कई इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की मेहनत है। इनमें से एक प्रमुख नाम बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) की सिविल इंजीनियरिंग प्रोफेसर डॉ. जी माधवी लता का है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं.
डॉ. माधवी लता की विनम्र अपील
हालांकि, डॉ. माधवी लता ने इंटरनेट पर मिल रही प्रशंसा के बीच एक विनम्र अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें 'बेवजह मशहूर' न बनाया जाए, क्योंकि यह सफलता एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है। अपने लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने इस इंजीनियरिंग चमत्कार का श्रेय पूरी टीम को देते हुए खुद को 'एक साधारण हिस्सा' बताया है.
भारतीय रेलवे और AFCONS को श्रेय
डॉ. माधवी लता ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि चेनाब ब्रिज के उद्घाटन पर भारत को हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि यह ब्रिज सिविल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है और इसकी योजना, डिज़ाइन और निर्माण का सारा श्रेय भारतीय रेलवे और AFCONS को जाता है.
टीम का योगदान महत्वपूर्ण
उन्होंने आगे कहा, 'इस आइकॉनिक संरचना के निर्माण में हजारों लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे लाखों गुमनाम नायकों को मैं आज सलाम करती हूं।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो मीडिया उन्हें 'मिशन के पीछे की महिला' या 'चमत्कार करने वाली' बता रहा है, वह गलत है. 'ऐसे तमाम मीडिया हेडलाइंस में कोई सच्चाई नहीं है. कृपया मुझे बेवजह प्रसिद्ध न बनाएं,' उन्होंने आग्रह किया.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग प्रोफेसर की विनम्रता और समर्पण की सराहना कर रहे हैं। प्रो. लता ने सभी संदेशों का आभार जताते हुए फिर से कहा कि वह इस टीम की सिर्फ एक सदस्य हैं। 'मैं इस पर अत्यंत खुश हूं। उन सभी भारतीयों का धन्यवाद जिन्होंने मुझे बधाई संदेश भेजे। कृपया याद रखें कि मैं उन हजारों में से एक हूं जो इस प्रशंसा के हकदार हैं. सारी महिमा भारतीय रेलवे की है.'
लोगों की सराहना
लोगों की प्रतिक्रियाएं इस पोस्ट के बाद और तेज हो गईं। एक यूजर ने लिखा, 'बधाई हो मैम... और आपके इस बड़े दिल को सलाम। इस अद्भुत निर्माण के पीछे की पूरी टीम को बधाई।' एक अन्य ने टिप्पणी की, 'सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया। आपका योगदान और विनम्रता बेहद प्रेरणादायक है।' तीसरे यूजर ने कहा, 'इतिहास रचने वाली इंजीनियरिंग सफलता में आपके योगदान को सलाम।' वहीं एक चौथे ने कहा, 'इतना बड़ा दिल बहुत कम लोगों का होता है, जो पूरी टीम के साथ श्रेय साझा करते हैं। पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई.'