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चेन्नई महिला कोर्ट ने अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में सुनाई आजीवन कारावास की सजा

चेन्नई की महिला कोर्ट ने अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में ज्ञानसेकरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह एक अन्य संदिग्ध को बचाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह मामला तेजी से निपटाया गया और न्याय हुआ। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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चेन्नई महिला कोर्ट ने अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में सुनाई आजीवन कारावास की सजा

महिला कोर्ट का निर्णय

चेन्नई की महिला अदालत ने सोमवार को अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए गए ज्ञानसेकरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन्हें कम से कम 30 वर्षों तक बिना किसी छूट के जेल में रहना होगा। यह मामला पिछले साल दिसंबर में विश्वविद्यालय परिसर में एक द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न से संबंधित है। न्यायाधीश एम राजालक्ष्मी ने 28 मई को ज्ञानसेकरन को 11 विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई और उन पर 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।


AIADMK का आरोप

AIADMK का 'सर' पर सवाल

AIADMK के नेता और विपक्ष के प्रमुख एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनकी सरकार पर आरोप लगाया कि वे इस मामले में एक अन्य व्यक्ति, जिसे FIR में केवल 'सर' के रूप में संदर्भित किया गया है, को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पलानीस्वामी ने 'X' पर एक पोस्ट में लिखा, "DMK सरकार ने ज्ञानसेकरन को बचाने के लिए कई गुप्त प्रयास किए।"


मुख्यमंत्री का जवाब

मुख्यमंत्री स्टालिन का पलटवार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे "महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर केवल दिखावा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह मामला केवल पांच महीनों में समाप्त हुआ और अपराधी को कड़ी सजा मिली। स्टालिन ने विपक्ष पर इस घटना का "राजनीतिकरण" करने का आरोप लगाया और कहा कि कुछ संकीर्ण सोच वाले लोग इस मामले में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे, जो अब पूरी तरह से विफल हो गए हैं।