चेन्नई में जल संकट से निपटने के लिए 14,000 करोड़ रुपये की योजना
चेन्नई में 2019 के जल संकट के अनुभव ने सरकार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। तमिलनाडु सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये की जल भंडारण योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य शहर की पानी की भंडारण क्षमता को बढ़ाना और भविष्य में जल संकट से बचना है। इस योजना में मौजूदा जलाशयों का विस्तार और नए जलाशयों का निर्माण शामिल है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह चेन्नई को एक टिकाऊ शहर बनाने में मदद करेगी।
Sep 16, 2025, 12:15 IST
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चेन्नई का जल भंडारण विस्तार योजना
चेन्नई के निवासियों के लिए 2019 की गर्मियों का अनुभव एक कठिन समय था, जब पानी की भारी कमी ने शहर को प्रभावित किया। सूखे नल, खाली बाल्टियां और पानी के टैंकरों के लिए लंबी कतारें इस संकट की कहानी बयां करती हैं। लेकिन इस संकट ने चेन्नई को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया है। अब, तमिलनाडु सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी जल भंडारण योजना की घोषणा की है। यह योजना शहर के जल संकट को स्थायी रूप से हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।इस योजना का मुख्य उद्देश्य पानी की हर बूंद को सहेजना और भंडारण क्षमता को बढ़ाना है। इसके तहत मौजूदा जलाशयों जैसे रेड हिल्स, पूंडी, चेंबरमबक्कम और चोणावरम की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही, रामलिंगपुरम, कंडिगई और थिरुनिनरावुर में नए जलाशयों का निर्माण किया जाएगा। ये जलाशय बारिश के पानी को संग्रहित करेंगे, जो अक्सर समुद्र में बह जाता है।
यह योजना "सिंगारा चेन्नई 3.0" पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चेन्नई को एक टिकाऊ और आत्मनिर्भर शहर बनाना है। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में शहर की बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए पानी की कोई कमी न हो।