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चौधरी बंसीलाल की 98वीं जयंती का आयोजन सीबीएलयू में

भिवानी में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की 98वीं जयंती मनाई। इस अवसर पर दिव्यांग विद्यार्थियों ने विशेष नृत्य प्रस्तुत किया और संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कुलगुरु प्रो. दीप्ति धर्माणी ने चौधरी बंसीलाल के सिद्धांतों की राजनीति और उनके योगदान को याद किया। जानें इस समारोह की खास बातें और प्रतियोगिता के विजेताओं के बारे में।
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चौधरी बंसीलाल की 98वीं जयंती का आयोजन सीबीएलयू में

चौधरी बंसीलाल की जयंती का समारोह


चौधरी बंसीलाल की 98वीं जयंती का आयोजन भिवानी में। चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रयास स्पेशल स्कूल के दिव्यांग छात्रों के साथ मिलकर कुलगुरु प्रो. दीप्ति धर्माणी की अध्यक्षता में भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की 98वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. दीप्ति धर्माणी और कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा सहित सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।


चौधरी बंसीलाल का योगदान

इस कार्यक्रम में प्रयास स्पेशल स्कूल के दिव्यांग विद्यार्थियों ने अपनी विशेष प्रस्तुति दी और चौधरी बंसीलाल पर एक संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कुलगुरु प्रो. दीप्ति धर्माणी ने अपने संबोधन में कहा कि चौधरी बंसीलाल ने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की और क्षेत्रवाद या जातिवाद से दूर रहे। हरियाणा के निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है।


कुलसचिव डॉ. भावना शर्मा ने चौधरी बंसीलाल को हरियाणा का निर्माता बताते हुए कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार और जातिवाद का विरोध किया। पूर्व कुलसचिव डॉ. जितेन्द्र भारद्वाज ने उन्हें एक कुशल प्रशासक और स्पष्ट छवि के नेता के रूप में याद किया।


दिव्यांग विद्यार्थियों की प्रस्तुति

कार्यक्रम की सचिव डॉ. सोनल शेखावत ने बताया कि इस समारोह का मुख्य आकर्षण प्रयास स्पेशल स्कूल के 25 दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य था। संभाषण प्रतियोगिता में टैगोर कॉलेज की मोनिका ने पहला, वैश्य महाविद्यालय की संस्कृति ने दूसरा और आदर्श महिला महाविद्यालय की भूमिजा और सीबीलयू की कविता ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया।


निर्णायक के रूप में प्रो. जितेंद्र भारद्वाज, प्रो. रवि प्रकाश शर्मा और प्रो. कल्पना शर्मा ने कार्य किया। इस अवसर पर प्रो. ललिता गुप्ता, प्रो. विपिन जैन, डॉ. लखा सिंह, ऋषि शर्मा पीआरओ और विभिन्न महाविद्यालयों के अन्य शिक्षकों ने भी भाग लिया।