छत्तीसगढ़ की पहली ऐतिहासिक फिल्म 'बलिदानी राजा गुरु बालक दास' का कर मुक्त किया गया प्रदर्शन

फिल्म का विमोचन और मुख्यमंत्री की घोषणा
सतनामी फिल्म प्रोडक्शंस, रायपुर द्वारा निर्मित छत्तीसगढ़ की पहली ऐतिहासिक फिल्म "बलिदानी राजा गुरु बालक दास" का प्रदर्शन 19 सितंबर को राज्य के 31 सिनेमाघरों में एक साथ किया गया। इस फिल्म से सतनामी समाज और लाखों छत्तीसगढ़वासियों की मान, सम्मान और आस्था जुड़ी हुई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फिल्म को राज्य में कर मुक्त करने की घोषणा की है। अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने सोमवार को रायपुर के एक मॉल में इस फिल्म का प्रदर्शन देखा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
फिल्म की कहानी और महत्व
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि "बलिदानी राजा गुरु बालक दास" साहस और शौर्य की अद्भुत गाथा है। उन्होंने बताया कि गुरु बालकदास ने अंग्रेजों और पिंडारियों द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया और समाज को संगठित करने का प्रयास किया। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह फिल्म छत्तीसगढ़ की स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, राज्य की समृद्ध संस्कृति और सामाजिक सद्भाव को खूबसूरती से दर्शाती है।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा का भविष्य
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की प्रतिभाओं की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित फिल्म सिटी का निर्माण स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देगा और छत्तीसगढ़ी सिनेमा को बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
गुरु बालकदास, जो सतनामी समाज के प्रवर्तक गुरु घासीदास जी के पुत्र थे, ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।