छत्तीसगढ़ की बिहान योजना: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

छत्तीसगढ़ की बिहान योजना का उद्देश्य
छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण समुदायों की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके तहत कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है। इनमें से एक प्रमुख योजना है 'बिहान', जो विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए बनाई गई है, जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखती हैं। अक्सर महिलाओं के पास आवश्यक पूंजी की कमी होती है, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत नहीं कर पातीं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने बिहान योजना की शुरुआत की है, जिससे महिलाओं और पुरुषों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की लहर चल रही है। यह परिवर्तन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' के माध्यम से हो रहा है, जिसके तहत महिला स्व-सहायता समूह की सदस्याएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। राजनांदगांव की तामेश्वरी साहू, जो प्रज्ञा स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं, ने अपने संघर्षों को पार करते हुए अपने सपनों को साकार किया है। उन्होंने बताया कि पहले वे केवल घरेलू कार्यों और कृषि पर निर्भर थीं, लेकिन अब उन्होंने बैंक लिंकेज के माध्यम से लोन लेकर किराना दुकान खोली। हालांकि, दुकान में आग लगने से उन्हें नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा दुकान शुरू की।
जन जागरूकता अभियान
तामेश्वरी ने बताया कि उन्हें ग्राम पदुमतरा में भोजन निर्माण का कार्य मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। अब तक, वे बिहान योजना के तहत 5 से 8 लाख रुपये तक का लोन ले चुकी हैं। वर्तमान में, वे किराना दुकान चलाने के साथ-साथ बैंक सखी के रूप में भी कार्य कर रही हैं। इसके अलावा, वे ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही हैं। उनकी वार्षिक आय अब लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये हो गई है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे अपनी स्कूटी और ऑटो खरीद सकेंगी, लेकिन बिहान योजना ने उनके सपनों को साकार किया।
बिहान योजना का महत्व
बिहान योजना को छत्तीसगढ़ सरकार ने 2011 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आती है और इसका लक्ष्य महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये तक की सहायता मिलती है, जिससे वे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकती हैं। इस योजना को व्यापक समर्थन मिल रहा है।