छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर प्रियंका गांधी का तीखा बयान

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तारी का मामला
छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में दो ईसाई ननों सहित तीन व्यक्तियों को हिरासत में लेने की घटना ने विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस कार्रवाई को अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक साजिश बताया है और केंद्र सरकार तथा भाजपा पर कड़ी आलोचना की है.
प्रियंका गांधी का बयान
प्रियंका गांधी ने एक बयान में कहा, "कुछ ननों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है और उन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं जो उन्होंने नहीं किए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया और उन्हें अपने साथ ले गई। हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमलों का विरोध कर रहे हैं और इन अत्याचारों को रोकने की मांग कर रहे हैं। महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। किसी पर ऐसे आरोप नहीं लगाए जा सकते जो वह नहीं कर रही हैं, हम सरकार पर दबाव डालने का प्रयास करेंगे।"
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
प्रियंका गांधी ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "दो ईसाई ननों, सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लेना, अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर गंभीर हमला है। भाजपा शासन में यह पहली बार नहीं हुआ है। अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यह भीड़तंत्र और सांप्रदायिक सोच का परिणाम है, जिसकी लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है।"
राहुल गांधी की निंदा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, "दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण जेल भेजा गया। यह न्याय नहीं है, बल्कि भाजपा और आरएसएस का गुंडा राज है। यह अल्पसंख्यकों का सुनियोजित उत्पीड़न दर्शाता है।" उन्होंने तत्काल रिहाई की मांग की और कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार है, और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।