छत्तीसगढ़ में मुठभेड़: 10 नक्सलियों की मौत, प्रमुख माओवादी बाल कृष्ण भी शामिल

छत्तीसगढ़ में माओवादी मुठभेड़
छत्तीसगढ़ में मुठभेड़: अबूझमाड़ के जंगलों में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों द्वारा माओवादियों के एक छिपे हुए ठिकाने पर छापेमारी की गई। इस दौरान माओवादी नेता बसव राजू के बिस्तर और कुर्सी को देखकर उनकी उपस्थिति का पक्का सबूत मिला।
डीआरजी के आत्मसमर्पित जवानों ने इसकी पुष्टि की है कि माओवादी इतने भयभीत थे कि उन्होंने अपने सामान को छोड़कर भागने का निर्णय लिया। बस्तर के आईजीपी सुंदरराज पी. ने इस सफल अभियान की जानकारी दी।
डीआरजी का माओवादियों का पीछा
आईजीपी ने बताया कि बसव राजू की उपस्थिति की पुष्टि के बाद माओवादियों और डीआरजी के बीच लुका-छिपी का खेल चलता रहा। माओवादी भागते रहे और डीआरजी उनका पीछा करती रही।
21 मई को माओवादियों ने पहली गोली चलाई, जिसमें एक डीआरजी सहयोगी की मौत हो गई। इसके बाद लगभग 60 घंटे तक चली मुठभेड़ में बसव राजू सहित 28 माओवादियों को मार गिराया गया।
माओवादी संगठन की प्रतिक्रिया
माओवादी संगठन ने एक पत्र जारी कर स्वीकार किया कि पुलिस को बसव राजू के बारे में पिछले छह महीनों में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों से जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने जनवरी और मार्च में दो बड़े अभियान चलाए, लेकिन तब बसव राजू बचने में सफल रहा।
पत्र में कहा गया है कि डीआरजी के अभियान से एक दिन पहले माओवादी डेरे से भागे एक दंपति ने पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद 17 मई को डीआरजी ने अभियान शुरू किया।