छत्तीसगढ़ में शिक्षक की नशे में पढ़ाई करने की घटना ने मचाई हलचल

छत्तीसगढ़ में शिक्षक की नशे में पढ़ाई
छत्तीसगढ़ शिक्षक नशे में वीडियो: बलरामपुर जिले के वड्रफनगर ब्लॉक में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां रूपपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल मनमोहन सिंह नशे में धुत होकर शॉर्ट्स पहनकर स्कूल पहुंचे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें सिंह को स्कूल परिसर में शॉर्ट्स पहने 'आराम' करते और छात्रों को पढ़ाते देखा जा सकता है।
मनमोहन सिंह ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि उन्होंने ड्यूटी पर आने से पहले शराब पी थी। उन्होंने कहा, "मेरे फ्रैक्चर का इलाज हुआ था। डॉक्टर ने कहा था कि मुझे दवा के तौर पर शराब पीनी होगी, इसलिए मैं शराब पी रहा हूं।" हालांकि, यह दावा ग्रामीणों और अभिभावकों को विश्वास दिलाने में असफल रहा, जो इसे केवल एक बहाना मानते हैं।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड स्थित प्राइमरी स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक ने शराब के नशे में बच्चों को पढ़ाया, बीईओ ने सस्पेंड करने का भेजा प्रतिवेदन#Balrampur #Teacher_Drunk #viralvideo pic.twitter.com/76tELBVrQG
— Dakshin Kosal (@dakshin_kosal) August 10, 2025
बार-बार की घटना, बिगड़ता स्कूल का माहौल
स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है। उनके अनुसार, सिंह अक्सर नशे में स्कूल आते हैं, जिससे 40 छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "उसने ऐसा कई बार किया है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और स्कूल का माहौल बिगड़ रहा है।" इस तरह का व्यवहार न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सरकारी स्कूलों की साख को भी कम करता है।
गुस्साए लोगों ने की ससपेंड की मांग
नाराज अभिभावकों ने खंड शिक्षा अधिकारी से इस मामले की शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। एक अभिभावक ने कहा, "यह व्यवहार बच्चों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रहा है।" ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शिक्षा विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे स्कूल का बहिष्कार करेंगे और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
शिक्षा विभाग ने साधी चुप्पी
शिक्षा विभाग ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सिंह की शराब पीने की स्वीकारोक्ति और अनुचित आचरण के बावजूद, विभाग की चुप्पी से अभिभावकों और ग्रामीणों में असंतोष बढ़ रहा है। यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है।