छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का तिरंगा फहराने का आदेश: स्वतंत्रता दिवस पर अनिवार्यता

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का नया आदेश
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने स्वतंत्रता दिवस से पहले एक विवादास्पद बयान दिया है। सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश की सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में 15 अगस्त को तिरंगा फहराना अनिवार्य होगा। डॉ. सलीम राज ने चेतावनी दी है कि जो मस्जिद तिरंगा नहीं फहराएगी, उसे पाकिस्तानी माना जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आदेश का पालन न करने वाले मुतवल्लियों को देश का गद्दार समझा जाएगा। छत्तीसगढ़ में कुल 3287 मस्जिदों में तिरंगा फहराने की अनिवार्यता है और इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
STORY | All mosques, madrasas in Chhattisgarh must hoist tricolour on Independence Day: Waqf Board
— Press Trust of India (@PTI_News) August 12, 2025
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तिरंगा फहराने के बाद फोटो अपलोड करना होगा
फोटो पोर्टल पर होगी अपलोड
डॉ. सलीम राज ने कहा कि हर मस्जिद, मदरसा और दरगाह को तिरंगा फहराने के बाद उसकी फोटो वक्फ बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। फोटो के साथ स्थान और समय का विवरण भी देना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि इस आदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय पर्व पर देशभक्ति, एकता और भाईचारे का संदेश फैलाना है।
आदेश का महत्व
वक्फ बोर्ड द्वारा जारी आदेश
वक्फ बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि 15 अगस्त 2025 को देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस दिन छत्तीसगढ़ में सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के मुख्य द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया जाएगा। आदेश में अपील की गई है कि सभी लोग स्वतंत्रता के महत्व को समझें और इस अवसर की गरिमा बनाए रखें।
देशभक्ति का प्रतीक
देशभक्ति का प्रतीक
बोर्ड के लेटर में कहा गया है कि राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहराना न केवल देशभक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह आपसी एकता और सौहार्द का भी संदेश देता है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि यह निर्देश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित हैं और सभी संबंधित संस्थानों तक पहुंचा दिए गए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू
इस बयान और आदेश पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू हो गई है। समर्थकों का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय एकता को और मजबूत करेगा, जबकि विरोधियों का कहना है कि इस तरह की चेतावनी भाषा विवाद पैदा कर सकती है। फिलहाल वक्फ बोर्ड का रुख स्पष्ट है कि आदेश का पालन हर हाल में होना चाहिए।