छांगुर बाबा मामले में नए खुलासे: धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश

छांगुर बाबा मामले में महत्वपूर्ण जानकारी
छांगुर बाबा मामले में ताजा जानकारी: उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण रैकेट के प्रमुख जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं। यह पता चला है कि छांगुर बाबा कोडवर्ड का उपयोग करता था। एटीएस की जांच में उसके कोडवर्ड को डिकोड किया गया है, जिसमें लड़कियों को 'प्रोजेक्ट' के नाम से संदर्भित किया जाता था। इसके अलावा, 'मिट्टी पलटना' का अर्थ धर्मांतरण और 'काजल लगाना' का मतलब मानसिक प्रभाव डालना होता था। 'दर्शन करना' का अर्थ बाबा से परिचय कराना होता था।
कोडवर्ड का उपयोग और उसके प्रभाव
सूत्रों के अनुसार, जब छांगुर बाबा अपने सहयोगियों से बात करता था, तो वह कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था। इस कोडवर्ड में निकाह और शादी का वादा कर धर्मांतरण के बाद नई जिंदगी शुरू करने की शर्तें बताई जाती थीं। इसके अलावा, लड़कियों और युवाओं को नौकरी, स्कॉलरशिप या विदेश जाने का सपना दिखाया जाता था। कुछ युवाओं को कथित तौर पर इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में मुफ्त शिक्षा और विदेश में काम करने का लालच दिया जाता था। नेपाल या खाड़ी देशों में संपर्कों का भी उल्लेख किया गया था।
ईसाई मिशनरियों के साथ संबंध
छांगुर बाबा का ईसाई मिशनरियों से गठजोड़
छांगुर बाबा ने नेपाल से सटे संवेदनशील जिलों में अवैध धर्मांतरण के लिए सक्रिय कुछ ईसाई मिशनरियों के साथ गठजोड़ बना लिया था। वह अपने स्वयंसेवकों को पैसे देकर कमजोर वर्गों का विवरण एकत्र करता था और फिर चिन्हित परिवारों को आर्थिक रूप से प्रभावित करके उनका धर्मांतरण कराता था। नसरीन धर्मांतरण में होने वाले खर्च का पूरा हिसाब रखती थी, जबकि नीतू का पति नवीन (बदला हुआ जलालुद्दीन) पुलिस और स्थानीय प्रशासन का प्रबंधन करता था।
धर्मांतरण की प्रक्रिया का खुलासा
जांच में सामने आए तथ्य
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, देवीपाटन मंडल में मिशनरियों ने विभिन्न वर्गों के अनुसार प्रचारक नियुक्त किए हैं, जिससे परिवारों को समझाना और उन्हें धर्मांतरण के लिए राजी करना आसान हो जाता है। इसमें प्रचार, पास्टर और पादरी महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उनके पास चुनिंदा इलाकों के दलित, वंचित, गंभीर रूप से बीमार और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का पूरा विवरण है, जिसे छांगुर समय-समय पर धन और प्रभाव का इस्तेमाल करके धर्मांतरण के लिए हासिल करता था।
धर्मांतरण के बाद का जीवन
इस्लाम कबूलने के बाद का जीवन
हिंदू परिवारों को प्रभावित करने के लिए वह नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन का उदाहरण देता था। वह कहता था कि वे दोनों पहले सिंधी थे, इस्लाम कबूल करने के बाद उनकी ज़िंदगी बदल गई। आज उनके पास पैसा, आलीशान कोठी और महंगी गाड़ी है। इस्लाम कबूल करते ही तुम्हारी जिंदगी भी बदल जाएगी।