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छांगुर बाबा मामले में यूपी एटीएस की कार्रवाई: महत्वपूर्ण अपडेट्स

उत्तर प्रदेश एटीएस ने छांगुर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बलरामपुर में उसके अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। बाबा को 16 जुलाई तक हिरासत में रखा गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में 3 करोड़ रुपये की कीमत वाले अवैध विला को ध्वस्त किया गया है, जिसमें 70 से अधिक कमरे थे। एटीएस की जांच में विदेशी फंडिंग और अन्य गुर्गों के संबंधों की जानकारी भी सामने आई है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और आगे की संभावनाएँ।
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छांगुर बाबा मामले में यूपी एटीएस की कार्रवाई: महत्वपूर्ण अपडेट्स

छांगुर बाबा मामले में ताजा जानकारी

छांगुर बाबा मामले में ताजा जानकारी: उत्तर प्रदेश एटीएस ने शुक्रवार को धर्मांतरण के सिंडिकेट के प्रमुख जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बलरामपुर में उसके विशाल विला पर ले जाकर जांच की। इस संपत्ति को सरकार ने उसके नेटवर्क के उजागर होने के बाद आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया है। एटीएस के कमांडो ने बाबा को सील की गई संपत्ति के अंदर ले जाकर 40 मिनट तक पूछताछ की और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्र किए। बताया गया है कि बाबा अपने ध्वस्त ठिकाने को देखकर भावुक हो गया, जहां से वह अपना अवैध धर्मांतरण रैकेट संचालित करता था।


बाबा की हिरासत और पूछताछ

16 जुलाई तक एटीएस की हिरासत में रहेगा बाबा

सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा 16 जुलाई तक एटीएस की हिरासत में रहेगा। शुक्रवार को स्थानीय पुलिस और मीडिया को परिसर में प्रवेश करने से रोका गया। बाबा को ध्वस्त इमारत के पास एक कमरे में ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद विला को फिर से बंद कर दिया गया और चाबी संबंधित लेखपाल को सौंप दी गई। छांगुर बाबा को उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ 5 जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि बाबा पिछले 15 वर्षों से विभिन्न छद्म नामों और मुखौटों के जरिए धर्मांतरण का धंधा कर रहा था।


धर्मांतरण का अवैध नेटवर्क

अवैध रूप से बनाया गया था 3 करोड़ का आलीशान विला

यह आलीशान विला, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये है, अवैध रूप से बनाया गया था और इसमें 70 से अधिक कमरे और हॉल शामिल थे। कार्रवाई के दौरान कम से कम 40 कमरों को ध्वस्त कर दिया गया। यह संपत्ति नसरीन के नाम पर पंजीकृत थी। छांगुर बाबा ने गरीबी में पले-बढ़े होने के बावजूद कपड़े और नकली रत्न बेचने से अपने करियर की शुरुआत की। 2011 में उनकी पत्नी कुतुबनिशा की पंचायत चुनाव में जीत ने उनके जीवन में बदलाव लाया और इसके बाद वह धर्मांतरण और फंडिंग के एक सुनियोजित सिंडिकेट के रूप में उभरे, जिसमें धार्मिक दबाव, विदेशी चंदा, ज़मीन पर अतिक्रमण और उच्च-स्तरीय स्थानीय संपर्क शामिल थे।


जांच और संभावित गिरफ्तारियाँ

एटीएस की जांच में 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग, जमीन पर अतिक्रमण और अन्य गुर्गों के संबंधों की जानकारी सामने आई है। एटीएस अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ और गिरफ्तारियाँ भी कर सकती है।